इंडिया के पहले व्हीलचेयर बॉडी बिल्डर आनंद आर्नोल्ड का शरीर 15 साल की उम्र में ही कैंसर की वजह से पैरेलाइज्ड हो गया था. लेकिन आनंद ने हार नहीं मानी. पैरालाइज्ड होने के बाद लोगों के अलावा उन्हें खुद भी लगने लगा था कि वह जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे लेकिन अपनी मेहनत के दम मिस्टर इंडिया और मिस्टर वर्ल्ड का अवॉर्ड का खिताब जीत लोगों को गलत साबित कर दिखाया.
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3 साल तक रहे बेड पर
इंडिया के पहले व्हीलचेयर बॉडी बिल्डर आनंद ने बताया कि मैनें कभी हार नहीं मानी. पैरालाइज्ड होने के बाद भी बॉडी बिल्डिंग में कई मेडल जीते. आनंद हमेशा से ही बॉडीबिल्डर बनना चाहते थे, उन्होंने अपने करियर की पहली ट्रॉफी 13 साल की उम्र में जीती थी.
उन्हें बॉडी बिल्डिंग में करियर शुरू करने के दो साल बाद पता चला कि वह लोअर स्पिनल कॉर्ड में कैंसर से पीड़ित है. वहीं जब उनका इलाज किया गया तो वह पैरालाइज्ड हो गए. वह कम से कम 3 साल तक बिस्तर पर रहे.
फैमिली ने किया सपोर्ट
आनंद ने बताया कि तीन साल तक बेड पर पड़े रहने के दौरान उनकी फैमिली ने काफी सपोर्ट किया था. पैरालाइज्ड होने के बाद जिम और मेरी गली के ढेरों लोग नेगेटिव कमेंट्स करते थे. कहते थे- अब ये बर्बाद हो गया है.
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जीता मिस्टर वर्ल्ड का खिताब
बता दें, आनंद अब तक तीन बार मिस्टर इंडिया के अलावा 12 बार मिस्टर पंजाब का खिताब जीत चुके हैं. उन्होंने यूरोप में हुए मिस्टर वर्ल्ड का खताब भी उन्होंने अपने नाम किया. अगर उनके करियर पर निगाह डाली जाए तो उनके नाम 40 अन्य छोटे-बड़े खिताब भी दर्ज हैं.