मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि मिड डे मील बच्चों का अधिकार है और मिड डे मील को पकाना शिक्षक या बच्चों का काम नहीं है बल्कि इसके लिए अलग से व्यवस्था की जाती है.
उन्होंने राज्यसभा में कहा कि मिड डे मील योजना केंद्र प्रयोजित करता है और राज्यों की सहभागिता के साथ इसे लागू किया जाता है. उन्होंने बताया कि योजना के रोज लागू होने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और यह दुनिया भर के स्कूल योजना कार्यक्रमों में से एक बड़ा कार्यक्रम है.
स्मृति ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि 11.67 लाख स्कूलों में 10.33 करोड़ बच्चों को रोज भोजन परोसा जाता है.
राज्यसभा में एक सदस्य द्वारा मध्याहन भोजन को ‘खैरात’ बताए जाने पर स्मृति ने कहा कि यह खैरात नहीं है बल्कि बच्चों का अधिकार है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन युक्त स्वास्थ्यवर्धक गर्म भोजन दिया जाता है. उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों के लिए 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन युक्त स्वास्थ्यवर्धक गर्म भोजन दिया जाता है.