मिथुन चक्रवर्ती के बारे में जितना कहा जाए कम है. पर आज उनके 67वें बर्थडे के मौके पर हम आपको उनके जीवन का ऐसा पक्ष बताने जा रहे हैं, जो अनछुआ है. जी हां, मिथुन का नक्सली जीवन.
हम किसी फिल्म में उनके निभाए किरदार की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि ये हकीकत है. खबरों की मानें, तो मिथुन फिल्मों में आने से पहले नक्सली थे. नक्सलवाद के प्रति उनका गहरा झुकाव था. परिवार को छोड़ नक्सलियों के साथ रहने लगे थे. वे इस राह पर आगे बढ़ ही रहे थे कि उनकी जिंदगी में एक दुर्घटना हो गई.
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भाई की मौत ने बदली जिंदगी
कहा जाता है कि मिथुन के एक ही भाई थे, जिससे उनका गहरा लगाव था. एक दुर्घटना में भाई की मौत से मिथुन की दुनिया बदल गई. ये खबर सुनते ही वे अपने परिवार के पास वापस लौट आए. किसी तरह खुद को और परिवार को संभाला और नक्सली दुनिया को छोड़ आगे बढ़े.
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एक्टिंग का कोर्स
मिथुन कोलकाता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से केमिस्ट्री में ग्रेजुएट थे. भाई की मौत के बाद उन्होंने पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स किया. मिथुन को उनकी पहली ही फिल्म 'मृगया' (1976) के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था.