भारत और जापान के बीच भाषाई संबंध पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापान से भारत को ऑनलाइन जापानी भाषा सिखाने के लिए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि जापान में भी भारतीय भाषाएं सिखाई जा सकती हैं.
जापान की पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे दिन मोदी ने यहां कहा, 'भारत ने स्कूलों में जापानी भाषा का विकल्प रखा है. मैं जपान से भारतीयों को जापानी भाषा ऑनलाइन सिखाने के लिए पहल करने की अपील करता हूं.'
जापान के शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उप मंत्री मेकावा किहाई और ताईमेई प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों से मुखातिब मोदी ने कहा, 'भारतीय भाषाएं भी जापान में सिखाई जा सकती हैं और इस तरह के आदान-प्रदान का इस शताब्दी में सकारात्मक असर होगा.'
शिक्षा के क्षेत्र में एशियाई देशों को अधिक तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, 'पूरी दुनिया ने माना है कि 21वीं सदी एशिया की शताब्दी है. इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा, एशियाई देशों को एक-दूसरे की भाषा तथा मूल्यों को अवश्य सीखना चाहिए, ताकि यह सदी मानवता के लिए उपयोगी साबित हो.'
मोदी ने 136 साल पुराने ताईमेई प्राथमिक स्कूल में कहा कि वह यहां एक छात्र के रूप में यह सीखने आए हैं कि नैतिक शिक्षा, आधुनिकता एवं अनुशासन किस प्रकार जापानी स्कूली प्रणाली में समाए हुए हैं और भारत इनसे कैसे सीख सकता है?
करीब 136 साल पुराना ताईमेई प्राथमिक स्कूल वर्ष 2011 में आए भूकंप के कारण नष्ट हो गया था, जिसका बाद में पुनर्निर्माण किया गया. मोदी ने इस अवसर पर गुजरात में 2001 में आए भूकंप के दौरान भुज शहर को हुए नुकसान का भी जिक्र किया.