अंडमान आईलैंड पर 'वरदाह' साइक्लोन की वजह से यात्री फंस गए हैं. यात्रिकों को निकालने का काम जारी है, लेकिन माना जा रहा है साइक्लोन खतरनाक भी हो सकता है. साइक्लोन कई बार मामूली भी होते हैं तो कई बार भारी जानलेवा साबित होते हैं. आज हम आपको इतिहास के सबसे अधिक खतरनाक 5 साइक्लोन के बारे में बता रहे हैं.
पहले जानिए साइक्लोन है क्या
पश्चिमी प्रशांत महासागर और भारत के पास उठने वाले चक्रवाती तूफान को साइक्लोन कहा जाता है. यह समुद्र में उस जगह से उठता है जहां टेंपरेचर अधिक होता है. साइक्लोन एंटी-क्लॉकवाइज चलता है. साइक्लोन के भीतर हवा की रफ्तार 140 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, जबकि आगे बढ़ने की रफ्तार 25 से 35 किमी प्रति घंटे रहती है. साइक्लोन करीब एक हफ्ते तक रहता है.
ये हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक साइक्लोन
1. भोला साइक्लोन, पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश), 1970
इस साइक्लोन की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके प्रभाव में आने से मरने वाले लोगों की संख्या करीब 5 लाख तक बताई जाती है. यह तूफान 8 नवंबर 1970 को बंगाल की खाड़ी में शुरू हुआ था और 12 नवंबर को पूर्वी पाकिस्तान में पहुंचकर कहर बरपाने लगा.
2. हूगली रिवर साइक्लोन, भारत और बांग्लादेश, 1737
इस साइक्लोन से करीब साढ़े तीन लाख लोगों की जानें गईं. इसे भी इतिहास के सबसे खतरनाक साइक्लोन में एक माना जाता है.
3. हैपोंग टाइफून, वियतनाम, 1881
हैपोंग तूफान ने भी करीब 3 लाख लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया. साइक्लोन 27 सितंबर 1881 को शुरू हुआ था और 8 अक्टूबर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया.
4. कोरिंगा साइक्लोन, भारत, 1839
मौत का आंकड़ा: 3 लाख. 25 नवंबर 1839 को आंध्र प्रदेश के कोरिंगा में आए इस साइक्लोन ने करीब 25 हजार जहाजों को भी बर्बाद कर दिया. इस साइक्लोन के दौरान 40 फीट ऊंची लहरें उठ रही थी.
5. बैकरगंज साइक्लोन, बांग्लादेश, 1876
मौत का आंकड़ा: 2 लाख. 29 अक्टूबर से लेकर एक नवंबर 1876 तक इस साइक्लोन ने कहर मचाया था. करीब आधे लोग साइक्लोन के साथ बह गए, जबकि आधे लोग बाद में भूखमरी की वजह से मारे गए.