अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में लगाने वाली और लाखों- करोड़ों को जिंदगी जीने का सबक सिखाने वाली मदर टेरेसा का जन्म साल 1910 में 26 अगस्त को हुआ था.
उनका मानना था कि ' जख़्म भरने वाले हाथ, प्रार्थना करने वाले होंठ से कहीं ज्यादा पवित्र हैं'
उनके द्वारा स्थापित संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज 123 मुल्कों में सक्रिय है. इसमें कुल 4,500 सिस्टर हैं.
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नोबेल शांति पुरस्कार भारत रत्न, टेम्पटन प्राइज, ऑर्डर ऑफ मेरिट और पद्मश्री से नवाजी गई.
उनके बचपन का नाम Aneze Gonxhe Bojaxhiu था. इसका मतलब छोटा फूल होता है.
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उनके पास 5 देशों की नागरिकता अलग-अलग वक्त पर रही. इनमें ऑटोमन, सर्बिया, बुल्गेरिया, युगोस्लाविया और भारत शामिल रहे.
1948 में उन्होंने कलकत्ता में काम शुरू किया और नन के परिधान के बजाए नीले बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहननी शुरू की.
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वेटिकन सिटी में एक समारोह के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी. दुनियाभर से आए लाखों लोग इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने.