प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट के लिए एक खुशखबरी है. जल्द ही केंद्र सरकार उन्हें नियुक्ति नियमों में बदलाव कर नौकरी देने की तैयारी में है. प्राइवेट सेक्टर के प्रोफेशनल एक्सपर्ट की सेवा लेने के इरादे से केंद्र ने सभी मंत्रालयों से उन पदों की पहचान करने को कहा है जहां विशिष्ट या तकनीकी ज्ञान वाले लोगों की जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मतदाताओं से किए गए वादों के मद्देनजर सरकार ऐसे एक्सपर्ट को अनुबंध आधार पर लेने को लेकर सरकारी सेवाओं के लिये नियुक्ति नियमों में भी संशोधन कर सकती है. इन विशेषज्ञों को सैलरी भी प्राइवेट सेक्टर के समरूप ही दिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार इस कदम का मकसद उच्च सरकारी पदों पर बेहतर प्रतिभा और नागरिकों के बीच भागीदारी की भावना को लाना है जहां वे भी सरकार के हाई पोस्ट पर काम करने का मौका पा सकते हैं.
यह विकल्प सरकारी कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध होगा और अगर कोई सरकारी कर्मचारी निजी क्षेत्र के अनुरूप वेतन पर नियुक्ति के विकल्प को चुनता है तो संबंधित कर्मचारी को पद पर आवेदन देने से पहले इस्तीफा देना होगा या निर्धारित समय से पहले रिटायरमेंट लेना होगा.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा तैयार अवधारणा पत्र के अनुसार, ‘सरकार के बाहर से चुने गए
उम्मीदवारों को निश्चित अवधि के लिये नियुक्त किया जाएगा और उनका वेतन निश्चित अवधि के लिए नियत होगा. हालांकि नियुक्ति अवधि समाप्त होने के बाद नियुक्तिकर्ता एजेंसी के विकल्प के आधार पर वेतन पर फिर से चर्चा की जा सकती है.