scorecardresearch
 

MP BOARD: टॉपर संयम जैन की कहानी आपको रुला देगी...

2017 MP बोर्ड कक्षा 12वीं के एग्जाम में बुंदेलखंड के संयम जैन, नितिन खरे और संदीप पटेल ने टॉप किया है. इनकी सफलता की कहानी सुन आप भी हो जायेंगे प्रेरित.

Advertisement
X
संयम जैन
संयम जैन

Advertisement

धैर्य, इच्छा शक्ति और दृढ़ निश्चयता आपकी सफलता के पुल बांध सकती हैं. इस बात को साबित कर दिखाया है MP बोर्ड के तीन टॉपर्स ने. जी हां, इनकी कहानी सुन आप भी प्रेरित हो जायेंगे. MP बोर्ड के कक्षा 12वीं के रिजल्ट बीते शुक्रवार को घोषित किये गए.

दरअसल, ये तीनो टॉपर्स बुंदेलखंड के रहने वाले हैं. दूसरे बच्चों की तरह इन तीनों छात्रों की दिक्कतें सिर्फ एग्जाम के प्रेशर तक ही सीमित नहीं थी. बुंदेलखंड में गरीबी और सूखे का भयानक चेहरा देखने के बावजूद ये तीनों बच्चे MP बोर्ड के टॉपर्स की तरह उभर कर सामने आए.

अक्षय का स्‍टूडेंट्स के लिए पावरफुल मैसेज, कहा जो भाए वो करो

टीकमगढ़ के संयम जैन MP बोर्ड के सबसे बड़े टॉपर हैं, जिन्होंने कक्षा 12 साइंस-मैथ स्ट्रीम में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं. वही टीकमगढ़ के नितिन खरे और दमोह के संदीप पटेल ने एग्रीकल्चरल स्ट्रीम में सबसे ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं.

Advertisement

छोड़ना पड़ा था स्कूल
हाल ही में संयम ने JEE मेंस का एग्जाम भी पास कर लिया है. दरअसल संयम पहले अपने परिवार के साथ बुंदेलखंड के विदिशा में रहते थे. लेकिन वहां भयंकर सुखा पड़ने के बाद उन्हें वो जगह छोड़नी पड़ी. इसके चलते संयम को अपना प्राइवेट स्कूल भी छोड़ना पड़ा जिसका संयम की पढ़ाई पर भी गंभीर असर पड़ा. संयम के पिता अनिल ने बताया की वो विदिशा में एक किराने की दुकान में काम करते थे. लेकिन उससे होने वाली कमाई से मुश्किल से ही घर का खर्चा चल पाता था. अनिल ने ये भी बताया कि, घर में पैसे की भारी तंगी के चलते वो कोटा में संयम की इंजीनियरिंग की कोचिंग के पैसे भी देने में असमर्थ थे.

भारत के 5 छात्र लेंगे अमेरिकी रॉकेट साइंस प्रतियोगिता में हिस्सा

लेकिन इन सब परेशानियों के बावजूद संयम ने अपने पिता को समझाया कि वो प्राइवेट स्कूल के बजाय सरकारी स्कूल में पढ़ेगा और खुद अपने दम पर JEE की तैयारी करेगा. संयम ने बताया की किस तरह उसके स्कूल के टीचर्स ने उसकी पढ़ाई में उसकी मदद की और उसी की बदौलत उसने JEE भी क्लियर कर लिया. अब संयम IAS ऑफिसर बनना चाहता है ताकि वो अपनी जगह की दिक्कतों को दूर कर सके और बाकि स्टुडेंट्स को उसके जैसी परेशानियां न झेलनी पड़ें.

Advertisement

10वीं के छात्र ने विकसित की साइलेंट हार्ट अटैक पहचानने की तकनीक

बनना चाहते हैं कृषि विशेषज्ञ

खरे और पटेल की कहानी बिलकुल एक जैसी है. दोनों के पिता किसान हैं. पिछले कई सालों से बुंदेलखंड में सुखा पड़ने की वजह से उनकी फसलें खराब हो जाती हैं जिसका सीधा असर उनकी आर्थिक स्तिथि पर पड़ता है. और तो और दोनों के पिताओं के सर पर कर्ज भी है. नितिन पटेल कृषि विशेषज्ञ बनना चाहता है ताकि वो किसानों के काम आ सके.

वही दूसरी ओर संदीप भी कृषि विशेषज्ञ बनना चाहता है ताकि वो नई तकनीक से किसानों को फसल बचाने के तरीके बता सके.

Advertisement
Advertisement