हमारे देश में बाबू और बड़ा बाबू होना खुद में धमक और धौंस का प्रतीक है. बाबू बनते ही लोगों के तेवर बदल जाते हैं. देश में लाखों लोग UPSC की तैयारी करते हैं और उनमें से कुछ चुनिंदा लोग इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. इसके बाद उनकी जिंदगी में कैसे-कैसे बदलाव होते हैं, जरा गौर करें.
500 परीक्षार्थियों में महज 1 परीक्षार्थी ही सिविल परीक्षा में चयनित हो पाते हैं.
आपकी पसंद नहीं चलेगी...
IAS अधिकारी अमित कटारिया को सिर्फ इस वजह से नोटिस जारी कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने काला चश्मा पहन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया था.
आपके निवेश पर रहती है नजर...
लोकपाल नियम के मुताबिक ब्यूरोक्रेट्स को अपनी संपत्ति और देनदारी का पूरा ब्यौरा देना होता है. इसमें उनकी पत्नी और आश्रित बच्चों की संपत्ति का भी ब्यौरा देना होता है.
सरकारें भाषा का बोलना भी तय करती हैं...
केंद्र सरकार जहां आला अधिकारियों के हिंदी बोलने की वकालत करती हैं, वहीं राज्य सरकारें स्थानीय भाषा बोलने व बरतने का दबाव बनाती हैं.
बॉस चाहते हैं ज्यादा काम...
PMO में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के अनुसार वे अपने सहकर्मियों से संसद सत्र के दौरान 18 से 20 घंटे काम की अपेक्षा रखते हैं.
काम आपका वाहवाही मंत्रीजी की...
यह इस प्रोफेशन में होने का सबसे बड़ा दर्द है. अगर कोई योजना सफल हो जाए तो सारा श्रेय मंत्रीजी को जाता है, वहीं कुछ गलत होने पर सारा ठीकरा बाबू के माथे पर फूटता है.
आपकी डिग्री आपके बॉस से बड़ी होती है...
देश के 5,500 से अधिक IAS अधिकारी देश की टॉप यूनिवर्सिटी की कठिन परीक्षाएं पास कर यहां तक पहुंचे हैं. बात अगर बॉस के डिग्री की हो तो मामला उन्नीस-बीस के बजाय दस-बीस का है.
व्यायाम के तौरतरीके भी बॉस तय करेंगे...
PMO में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकार ने योग को प्रमोट करने का निर्णय लिया है, इसलिए आप गोल्फ के बजाय योग पर ध्यान दें.
अब हमें जो बताना था वो हम बता चुके, बाद बाकी आपकी मर्जी. जो आप बड़े बाबू बन जाएं तो हमें थैंक्स कहना न भूलें.
सौजन्य: NEWSFLICKS