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नरेंद्र मोदी के 7 वो मंत्र जो तैयारी कर रहे हर स्टूडेंट के लिए है खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले छह साल से देश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. उनके द्वारा देश के छात्रों को दिए गए ये प्रभावशाली उद्धरण हर छात्र को जरूर जानने चाहिए.

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बच्चों के एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी
बच्चों के एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी

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नरेंद्र दामोदरदास मोदी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं. उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले छह साल से देश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. सभी सर्वेक्षणों और दो संसदीय चुनावों में ये परिलक्षित हुआ है. वो एक व्यापक रूप से चर्चित और विवादित राजनीतिज्ञ भी हैं. उनके द्वारा देश के छात्रों को दिए गए ये प्रभावशाली उद्धरण हर छात्र को जरूर जानने चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी के कहे वो सात वाक्य जो उद्धरण बन गए हैं, वो इस तरह से हैं.

1. शिक्षा केवल पुस्तकों से नहीं आ सकती. शिक्षा का मकसद इंसान के समग्र व्यक्तित्व का संतुलित विकास करना है. हर इंसान अपने जीवन में किसी न किसी मकसद से पैदा होता है और शिक्षा इस मकसद को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

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2. अपने अंदर के छात्र को कभी मरने न दें. अगर हमारे अंदर का छात्र हमेशा जीवित है, तो यह हमें जीने की ताकत देता है.

3. आने वाला दशक समाज के उन लोगों का है जो हाशिए पर हैं. युवाओं में अद्भुत क्षमता है और यही वो ताकत है जो राष्ट्र में बदलाव लाएगी.

4. हमें हमेशा एक सपना देखना चाहिए, लेकिन एक व्यक्ति को हमेशा कुछ बनने के बजाय कुछ करने का सपना देखना चाहिए.

5. मैं युवाओं से अनुरोध करना चाहता हूं कि जब आप ये तय करते हैं कि क्या बनना है तो आप एक कैदी बन जाते हैं. इसलिए आपको बस कुछ करने की इच्छा रखनी चाहिए, स्वतंत्रता का आनंद लें. यही आपको एक उद्देश्य देगा.

6: अगर आप किसी विषय पर फोकस करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले डी-फोकस करना सीखना होगा. ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है. मनोरंजन के लिए प्रकृति के संपर्क में आना और खेलना बहुत महत्वपूर्ण है.

7.  यदि शिक्षा में लक्ष्य नहीं है, तो यह आपके कमरे की दीवार पर लटकाए गए प्रमाण पत्र से अधिक कुछ नहीं है. आज सरकार नवाचार का उपयोग कर रही है और शैक्षिक क्षेत्र को एक दिशा देने, समाज के साथ सहयोग करने और देश में अशिक्षा और शिक्षा की कमी से संबंधित समस्या पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही है.

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