नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (NCTE) ने हलफनामे के जरिए आवश्यक डेटा प्रस्तुत करने में विफल रहने वाले एक हजार BEd और DEd कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
आईएएनएस के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी ने 2 दिसंबर को यह जानकारी दी. मंत्रालय में स्कूल शिक्षा और साक्षरता सचिव अनिल स्वरूप ने कहा, "एनसीटीई ने पहले ही एनसीटीई के साथ संबद्धता को रोकने के लिए एक हजार कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं.
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इसके बाद, इन कॉलेजों में बीएड और डीएड पाठ्यक्रमों के लिए छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा. इसके अलावा तीन हजार से अधिक और कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि एनसीटीई ने भारत के 16,000 बीएड और डीएड कॉलेजों को सभी आंकड़ों के संदर्भ में हलफनामा जमा करने के लिए कहा था. इसमें से केवल 12,000 संस्थानों ने ही शपथपत्र दायर किया है.
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वाणिज्य मंडल द्वारा आयोजित एक सत्र में उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि शिक्षा क्षेत्र में सबसे बड़े माफिया कुछ बीएड और डीएड कॉलेज हैं. उनमें से कुछ तो मौजूद ही नहीं हैं, बस केवल उनके नाम मौजूद हैं. हम उनसे निपट रहे हैं. उन्होंने कहा कि एनसीटीई ने इन महाविद्यालयों की गुणवत्ता आकलन के लिए भारत की गुणवत्ता परिषद की मदद ली हुई है.