जल्द ही नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट सामने आने वाला है और इसी के मद्देनजर जेएनयू स्टूडेंट यूनियन और एबीवीपी से जुड़े 15 स्टूडेंट्स के एक प्रतिनिधि मंडल ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से भेंट की और नई एजुकेशन नीति के लिए 21 सुझावों की एक लिस्ट उनहे सौंपी.
यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे चली और इस बैठक के बाद जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के सह सचिव सौरभ शर्मा ने बताया कि मुलाकात काफी अच्छी रही और मंत्री ने उनके सारे सुझाव आगे नई एजुकेशन नीति कमिटी को भेजने का आश्वासन दिया है.उच्च शिक्षण संस्थानों की नेशनल रैंकिंग हुई जारी:
हाल ही में देश में पहली बार यूनिवर्सिटी, उच्च शिक्षण संस्थानों की नेशनल रैंकिग लिस्ट जारी की गई है. स्टूडेंट्स का कहना था कि इसके लिए सभी को अपने आवेदन देना अनिवार्ट किया जाए. अभी यह सभी संस्थानो की मर्जी पर निर्भर करता है कि वे इस रैंकिंग मे भाग लेते है या नहीं. इसके अलावा सभी यूनिवर्सिटीज को समय पर बजट देने, स्टूडेंट को समय पर फेलोशिप देने का भी सुझाव दिया गया.
एक नेशनल एजुकेशन कमीशन गठित हो:
इस मामले में ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना था कि सरकार बदलते ही कई अहम शिक्षा संबंधी निर्णय बदल दिए जाते हैं. ऐसा ना हो इसलिए नेशनल एजुकेशन कमीशन का गठन हो जो शिक्षा से जुड़े तमाम निर्णय लेने व बदलने मे सक्षम हो. एक बडा सुझाव यह भी रहा कि सर्विस के साथ नेशनल एजुकेशन सर्विस भी शुरू हों जिससे शिक्षा अधिकारी संस्थानों मे अहम भूमिका निभाएं.
प्राइमरी एजुकेशन में हों सुधार:
इन सारे सुझावों मे एक सुझाव यह भी रहा कि क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्राइमरी एजुकेशन मे सुधार हों. फिलहाल मानव संसाधन मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि नई एजुकेशन नीति का ड्राफ्ट जल्द ही लोगों की राय के लिए वेब पर लगाया जाएगा और आम जनता से सुझाव भी मंगाए जाएंगे.