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बेंगलुरु: लॉ यूनिवर्सिटी की हड़ताल वापस, VC की नियुक्ति पर है विवाद

बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन वापस लेने का फैसला किया है. देश के इस प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र लंबे दिनों से नए वीसी की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से इसमें लगातार देरी हो रही है. इसके विरोध में छात्रों ने क्लास नहीं जाने और सेमेस्टर परीक्षा में भाग न लेने की भी योजना बनाई थी लेकिन फिलहाल इसे वापस ले लिया गया है.

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NLSIU में जुटे प्रदर्शनकारी, Image: Nagarjun
NLSIU में जुटे प्रदर्शनकारी, Image: Nagarjun

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बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन वापस लेने का फैसला किया है. देश के इस प्रतिष्ठित लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र लंबे दिनों से नए वीसी की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से इसमें लगातार देरी हो रही है. इसके विरोध में छात्रों ने क्लास नहीं जाने और सेमेस्टर परीक्षा में भाग न लेने की भी योजना बनाई थी लेकिन फिलहाल इसे वापस ले लिया गया है.

बता दें कि एनएलएसआईयू में कुलपति की नियुक्ति की मांग लगातार तेज हो रही है. अभी तक यूनिवर्सिटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल ने अभी तक आधिकारिक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया है. यहां प्रो एमके रमेश को पिछले महीने कार्यकारी कुलपति बनाया गया है.   

इसीलिए नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू बेंगलुरु) के छात्र-छात्रों ने सोमवार से शुरू होने वाली परीक्षाओं का बहिष्कार करने की घोषणा की थी, जो बाद में वापस ले ली. कहा जा रहा है कि इसके पीछे की वजह प्रो सुधीर कृष्णास्वामी की एनएलएसआईयू कुलपति के तौर पर देरी से नियुक्ति है. नए वीसी की नियुक्ति में देरी के लिए छात्र यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ओमप्रकाश नंदीमठ को जिम्मेदार बता रहे हैं.

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इस मामले में कार्यकारी कुलपति ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन और परीक्षाओं के बहिष्कार की घोषणा पर भी परीक्षा में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया था. प्रो एमके रमेश ने कहा था कि तय समयानुसार परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. जो छात्र किसी भी तरह उत्पात मचाएंगे और अनुशासित रवैया नहीं अपनाएंगे. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. बता दें कि कृष्णास्वामी की नियुक्ति न होने के विरोध में शुक्रवार को छात्रों ने क्लास का बहिष्कार किया था. साथ ही रजिस्ट्रार ओवी नंदीमठ के ऑफिस के बाहर धरने पर बैठने का फैसला किया था. छात्रों की मांग है कि प्रोफेसर सुधीर कृष्णस्वामी को नियुक्ति में देर ना की जाए.

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