काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 101 साल के इतिहास में पहली महिला चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह ने कहा है कि अब बीएचयू में छात्राओं के लिए ड्रेस, नॉनवेज और शराब को लेकर कोई पाबंदी नहीं होगी. फ्रांस के शहर रोयन में जन्मीं और शुरुआती शिक्षा हासिल करने वाली रोयाना का नाम फ्रेंच सिटी के नाम पर है.
उन्होंने कहा, 'मैं यूरोप में पैदा हुई. कनाडा और यूरोप जब चाहे तब आती जाती रही. लड़कियों पर पहनावे को लेकर पाबंदी लगाना मेरे लिए खुद पर पाबंदी लगाना होगा. हम अपने दिन की शुरुआत सुबह 6 करते हैं और रात को 10.30 बजे सोते हैं. अगर हम जिस कपड़े में सहज हैं, उसे नहीं पहन पाते, तो आज के समय में यह शर्म की बात है. अगर एक लड़की अपने कपड़े को लेकर सहज है, तो उस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.'
बीएचयू की नई चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह विश्व विद्यालय के मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट में एनॉटॉमी की प्रोफेसर हैं. उनकी पैदाइश फ्रांस की रोयन शहर की है और 1980 के दशक में वे नौ साल तक वहां रहीं.
हालांकि उन्होंने इस बात को दोहराया कि विश्वविद्यालय ने लड़कियों पर कभी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया और भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जहां तक पीने की बात है. यहां पढ़ने वाली सभी लड़कियां 18 साल से ऊपर की हैं, हम उन पर किसी तरह का प्रतिबंध क्यों लगाएं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से उन्होंने कहा कि जहां तक मेरे मेडिकल हॉस्टल की बात है, ज्यादातर डाइट शाकाहारी है, क्योंकि लड़कियों का बहुमत इसी के पक्ष में है. हालांकि अन्य लड़कियों के लिए नॉनवेज का विकल्प उनकी इच्छा पर है. कई मौकों पर वे नॉनवेज खाती हैं.
रोयाना सिंह ने लड़कियों के साथ छेड़खानी और यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर वार्डन और सिक्योरिटी स्टॉफ के रवैये पर पछतावा जाहिर किया. गौरतलब है कि हाल ही में बीएचयू में हुई छेड़छाड़ की घटना पर पीड़ित छात्रा द्वारा शिकायत पर वार्डन और सिक्योरिटी गॉर्ड ने कहा था कि शाम 6 बजे के बाद बाहर क्यों निकलती हो. इस घटना के बाद लड़कियों का अहिंसक प्रदर्शन किया जो बाद में हिंसक हो उठा.