सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पदों पर नौकरी को लेकर हाल ही में एक अहम फैसला सुनाया है. इस फैसले के तहत जहां सरकार कैडर में एक ही पद को भर रही होगी, वहां अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा.
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर आरक्षित वर्ग का कोई भी व्यक्ति पहले से ही सरकारी नौकरी में है और डिपार्टमेंट प्रमोशन के जरिए भरे जाने वाले पद के लिए योग्य है तो एक पद पर नियुक्त करते समय उसे कोई नुकसान नहीं होगा.
न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश पीसी पंत की पीठ ने पूर्व के दो निर्णयों का हवाला भी दिया. दोनों जजों की बेंच ने कहा कि यह साफ जाहिर है कि एक पद पर आरक्षण देने से जनरल कोटे के प्रतियोगी पहले ही बाहर हो जाएंगे और इससे अधिक पदों पर भर्ती होने पर आरक्षण का मुद्दा उठेगा.
जस्टिस मिश्रा और पंत की बेच ने पूर्व में दिए गए दो निर्णयों के आधार पर कहा कि यदि क्लर्क कैडर में एक पद खाली है तो उसे प्रमोशन के जरिए भरा जाना चाहिए जिससे आरक्षण का मुद्दा उठे ही नहीं.