छत्तीसगढ़ भी उन राज्यों में शुमार है जहां स्कूलों में शौचालय नहीं हैं. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) के सर्वे के मुताबिक प्रदेश में 47 हजार 526 स्कूल हैं, जिनमें 17 हजार से ज्यादा स्कूलों में शौचालय नहीं हैं. खासकर आदिवासी बाहुल्य वाले इलाकों में हालात ज्यादा बदतर हैं.
प्रदेश की राजधानी रायपुर के 1000 स्कूलों में शौचालय बनने के बाद कंडम हो गए. स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण छात्राओं के लिए बने 583 और छात्रों के लिए बने 516 शौचालय खराब स्थिति में हैं. इन शौचालयों का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो गया है. इसके साथ ही रायपुर के 78 स्कूलों में छात्राओं और 220 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है.
प्रदेश में 8 हजार 164 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है. फलस्वरुप छात्राएं स्कूल जाने से कतराती हैं. हजारों छात्राएं सिर्फ इसलिए स्कूल छोड़ने को विवश हुईं कि शौचालय नहीं होने की वजह से उन्हें कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ जाता है.
एक साल पहले रायपुर से अलग होकर नया जिला बना गरियाबंद में 1561 स्कूलों में से 604 स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है, जबकि 206 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय नहीं है.
प्रदेश में जिन स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय बनाया गया है वह रख-रखाव के अभाव में अनुपयोगी हो चुकी हैं इसमें रायपुर में 583, कांकेर में 156, धमतरी में 150, बेमेतरा में 213, मुंगेली में 149 और बलौदाबाजार में 135, सूरजपुर में 503, बस्तर में 359, सरगुजा में 323, गरियाबंद में 235, कोरबा में 238, कोरिया में 189, जशपुर में 166 शौचालय कंडम स्थिति में पहुंच गए हैं.
आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में शौचालय की स्थिति पर बात करें तो यहां स्थिति सर्वाधिक खराब है. बस्तर में 738, सूरजपुर में 683, सरगुजा में 560, गरियाबंद में 394, जशपुर में 369, कोरिया में 358 और कांकेर में 323 स्कूलों में शौचालय का निर्माण किया गया, लेकिन अब वे खराब हालत में पहुंच गए हैं.
स्कूली शिक्षा के सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में शौचालय की समुचित व्यवस्था की दिशा में काम शुरू कर दिए हैं. आने वाले समय में सभी स्कूलों में इसकी बेहतर व्यवस्था देखने को मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्रचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेझिझक स्वीकार करते हुए कहा कि अधिकांश स्कूलों में शौचालय नहीं हैं. उन्होंने सांसदों को एक साल के भीतर सांसद निधि से स्कूलों में शौचालय निर्माण कराने की बात कही.