साल 2016 में साहित्य को नोबेल प्राइज बॉब डिलन को मिला है. उन्हें "अमेरिकी गीतों की परंपरा में नई अभिव्यक्ति के सृजन" के लिए यह पुरस्कार दिया गया है.
बॉब का जन्म 24 मई 1941 को अमेरिका के Duluth, Minnesota में हुआ था. वे 75 वर्ष के हैं.
आज भले ही बॉब डिलन को साहित्य में नोबेल के पुरस्कार से नवाजा गया हो लेकिन इस 75 वर्षीय गायक व गीतकार को दुनिया किसी किंवदंती के तौर पर याद करती है. वे साल 1941 में पैदा हुए और साल 1959 में संगीत की यात्रा पर निकले. वे शुरुआती दिनों में कॉफी हाउस के भीतर गाया करते थे.
उनके द्वारा गाए गए गीत Blowin'in the Wind और They are A-Changin पूरे अमेरिका के साथ-साथ दुनिया में युद्ध विरोधी और नागरिक अधिकारों के के गीत बन गए. उनका पारंपरिक गीतों से पलायन करना पूरी दुनिया के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ.
वैसे तो साहित्य के नोबेल पुरस्कार हर वर्ष ठीक उसी सप्ताह में घोषित हो जाते हैं जिसमें साइंस के पुरस्कार, इसलिए इस वर्ष हो रही देरी ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया था. ऐसी बातें भी सुनी गईं कि कहीं ज्यूरी में कोई मतभेद तो नहीं है.
इस पूरे मसले पर शिक्षाविद् पेर वास्टबेर्ग ऐसी बातों को सिरे से नकार देते हैं. वे कहते हैं कि यह पूरी तरह डायरी लॉजिस्टिक्स का मसला है, फिर भी स्वीडन की मीडियाकर्मी इसमें मतभेद खोज ही लेते हैं. स्वीडन के रेडियो रिपोर्टर माटियास बेर्ग कहते हैं कि अकादमी के सदस्य एडोनिस जैसे राजनीतिक रूप से विवादित व्यक्ति पर बंटे हुए थे.
ब्रिटेन के ओलिवर हार्ट और फिनलैंड के बेंट होमस्ट्रॉम को अर्थशास्त्र का नोबेलBREAKING 2016 #NobelPrize in Literature to Bob Dylan “for having created new poetic expressions within the great American song tradition” pic.twitter.com/XYkeJKRfhv
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 13, 2016
गौरतलब है कि अब तक साहित्य में सबसे अधिक नोबेल प्राइज जीतने वाले अंग्रेजी के लेखक (27) रहे हैं. उसके बाद फ्रेंच (14) और तीसरे नंबर पर (13) जर्मन हैं. अब तक 14 महिलाओं को साहित्य का नोबेल दिया गया है. इस पुरस्कार का इंतजार पूरी दुनिया बड़ी ही बेसब्री से करती है.
कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस को मिला नोबेल शांति पुरस्कारPress release from the Swedish Academy @bobdylan awarded 2016 #NobelPrize in Literature: https://t.co/fPsRtG97r7 pic.twitter.com/Il0xdIfJo2
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 13, 2016