नॉन-नेट फेलोशिप समाप्त करने के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए यहां यूजीसी दफ्तर के बाहर डेरा डाले स्टूडेंट्स ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक मार्च निकाला और उन्होंने फैसले से संबंधित ‘समीक्षा समिति’ को भंग करने की मांग की.
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी स्टूडेंट्स से संक्षिप्त बातचीत के लिए आई और उन्होंने सरकार के इस रूख को दोहराया कि फेलोशिप समाप्त नहीं की जाएगी और हाल ही में गठित पांच सदस्यीय समिति अनुदान के मानदंडों की समीक्षा करेगी.
हालांकि छात्रों ने मांग की कि यदि फेलोशिप समाप्त करने का कोई कदम नहीं उठाया जाना है तो समिति को भंग किया जाए.
जेएनयू छात्र संघ उपाध्यक्ष शहला राशिद ने कहा, 'हम 17 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं, अगर सरकार कहती है कि फेलोशिप को बंद नहीं किया गया है तो फैसले की समीक्षा करने जरूरत क्यों पड़ी, हम समिति को भंग करने की मांग करते हैं.' प्रदर्शन मार्च में छात्रों का नेतृत्व स्वराज अभियान के नेता और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व सदस्य योगेंद्र यादव ने किया.
इनपुट: भाषा