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अब चार के बजाये ढाई एकड़ में भी बन सकेगा केंद्रीय विद्यालय

पहले महानगरों में चार एकड़ ज़मीन होने पर ही केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी जाती थी, लेकिन ज़मीन की कमी और केंद्रीय विद्यालयों की ज़रूरत को देखते हुए इस शर्त मे ढील दी गई है. अब अगर केंद्रीय विद्यालय संगठन को अगर ढाई एकड़ ज़मीन भी मिलती है, तो नया केंद्रीय विद्यालय खोला जा सकेगा.

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मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

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दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत देश के छह मेट्रो शहरों में अब केंद्रीय विद्यालय स्थापित करने के लिए ज़मीन की ज़रूरत को कम कर दिया गया है. पहले इन महानगरों में चार एकड़ ज़मीन होने पर ही केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी जाती थी, लेकिन ज़मीन की कमी और केंद्रीय विद्यालयों की ज़रूरत को देखते हुए इस शर्त मे ढील दी गई है. अब अगर केंद्रीय विद्यालय संगठन को अगर ढाई एकड़ ज़मीन भी मिलती है, तो नया केंद्रीय विद्यालय खोला जा सकेगा.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली के शाहदरा इलाके में केंद्रीय विद्यालय की नींव रखी और इस बात का ऐलान किया कि केंद्रीय विद्यालयों की संख्या के साथ केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भी बंपर भर्ती की जा रही है, ताकि शिक्षा में गुणवत्ता लाई जा सके. जावड़ेकर ने कहा कि दूसरे राज्यों में भी अभी नया केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए 8 एकड़ की ज़रूरत होती है, लेकिन अब इसे भी 6 एकड़ किया गया है. हालांकि ज़मीन की किल्लत होने की हालत में ही यह ढील मिलेगी.

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इस दौरान मौजूद उत्तर पूर्वी दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि लोगों के लिए केंद्रीय विद्यालय की अहमियत का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके पास सांसद बनने के बाद हर साल केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन के लिए तीन हज़ार आवेदन आते हैं. इसीलिए उन्होंने अपने इलाके में केंद्रीय विद्यालय खुलवाने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि दिल्ली के शाहदरा में नया केंद्रीय विद्यालय दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा.

हालांकि केंद्रीय विद्यालय के शिलान्यास के दौरान सियासत की छाया भी नज़र आई. बीजेपी इसका श्रेय ले रही थी, तो कांग्रेस के कार्यकर्ता जावड़ेकर और तिवारी को काले झंडे दिखाने के लिए जमा थे. कांग्रेस का आरोप है कि केंद्रीय विद्यालय की मंजूरी कांग्रेस की सरकार में ही मिल गई थी. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व सांसद जेपी अग्रवाल के कार्यकाल में ही फरवरी 2014 में डीडीए से ज़मीन भी अलॉट करा दी गई थी, लेकिन अब बीजेपी राजनीतिक फायदे के लिए दोबारा शिलान्यास कर रही है.

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