राजस्थान में स्कूली बच्चों को अब अकबर द ग्रेट और न्यूटन जैसे महान और विदेशी शासकों के जीवन पर बने बड़े-बड़े अध्यायों को पढ़ने की जहमत नहीं उठानी होगी. राजस्थान सरकार इन महान हस्तियों और विदेशी शासकों के अध्याय की जगह स्थानीय और राष्ट्रीय हीरोज की कहानियों को किताबों में जोड़ने की तैयारी कर रही है.
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी साढ़े 6 करोड़ किताबों को दोबारा लिखने पर काम कर रही हैं. ये किताबें अगले सेशन के लिए राज्य के स्कूलों में वितरित की जाएंगी. वासुदेव के मुताबिक हमारे स्कूली बच्चे सिर्फ अकबर द ग्रेट के बारे में ही क्यों पढ़ें, महाराणा प्रताप के बारे में क्यों नहीं?
पिछले काफी सालों से हमारे बच्चे लगातार विदेशी शासकों, वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के बारे में ही पढ़ रहे हैं. वासुदेव ने बताया कि नई किताबों की प्रिंटिंग शुरू हो चुकी है, और जल्द ही ये किताबें स्कूलों में भेज दे जाएंगी. नई किताबों में भगत सिंह, वीर सावरकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महाराजा सूरजमल, महाराणा प्रताप और महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित अध्याय होंगे, जबकि विज्ञान की किताबों में आर्यभट्ट, भास्कराचार्य पर आधारित अध्याय होंगे.
इस बारे में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का कहना है कि सरकार ने सिद्ध कर दिया कि संघ का जो विचार और सोच है उऩके महापुरुष हैं उऩको पढाया जाए और जो लोग संघ की विचारधारा से मेल नही खाते उनको निकालने का खेल चल रहा है.