नामचीन स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराने की चाहत रखने वाले अभिभावकों को इंतजार करना होगा. दरअसल नर्सरी दाखिले में नेबरहुड के छात्रों को दाखिला देने की अनिर्वायता वाले दिल्ली सरकार के फैसले से प्राइवेट स्कूल नाखुश है.
हालात ये हैं कि गाइडलाइन के अभाव में डीडीए की जमीन पर बने प्राइवेट स्कूलों में दाखिला देर से शुरू होने के आसार हैं. दाखिले में हो रही देरी के लिए स्कूल दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीँ दिल्ली सरकार इस देरी की वजह एलजी का इस्तीफा बता रही है.
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बच्चा एक और स्कूल हज़ारों. इसके बावजूद भी बच्चे को स्कूल में दाखिला मिल जायेगा इस बात की कोई गारंटी नहीं. लिहाजा अभिभावक एक नहीं बल्कि 20 से 25 स्कूलों में आवेदन करते हैं लेकिन दिल्ली सरकार ने डीडीए की जमीन पर बने स्कूलों के लिए जो नए नियम लाने की तैयारी में है उसकी वजह से अभिभावकों के पास भी ऑप्शन की कमी हो जायेगी. निजी और सरकारी जमीन पर बने स्कूलों में दाखिले के नियम अलग-अलग होने से अभिभावकों की दिक्कतें तो बढ़ेगी ही लेकिन स्पष्ट गाइडलाइन के अभाव में अब स्कूल ये नहीं समझ पा रहे हैं कि दाखिले के लिए कौन से फार्मूला पर काम करें.
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स्कूलों की मानें तो जितनी देरी से गाइडलाइन आएंगी... दाखिले में भी उतनी ही देरी होगी. दरअसल डीडीए से जमीन लीज पर लेते वक़्त स्कूलों को इलाके के बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता देने के बात कही गई थी। एल्कोन इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल अशोक पांडेय के मुताबिक स्कूल पहले से ही दाखिले में नेबरहुड क्राइटेरिया को तवज्जो देते रहे हैं लेकिन अगर सिबलिंग, एलुमनाई जैसे दूसरे क्राइटेरिया को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया तो स्कूल और अभिभावक दोनों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी.
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नर्सरी दाखिले के पेंच को सुलझाने के लिए नेशनल प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. मामले की सुनवाई 30 जनवरी को है. लेकिन इस बीच 2 जनवरी से राजधानी के करीब 1400 स्कूल जो निजी जमीन पर बने हैं वो दाखिला शुरु कर देंगे.. जबकि सरकारी जमीन पर बने 285 प्राइवेट स्कूल जिनमें वसंत वैली, बाल भारती, एल्कॉन इंटरनेशनल, मदर्स ग्लोबल, द श्रीराम, जीडी गोयनका स्कूल, हैरीटेज स्कूल, हिलवुड स्कूल, यूनिवर्सल स्कूल जैसे बड़े नामचीन स्कूल शामिल है उनमें प्राइवेट दाखिला की प्रक्रिया अधर में लटकी रहेगी.
बहरहाल, डीडीए की जमीन पर बने स्कूलों के लिए गाइडलाइन कब आएंगी, न सरकार को पता है न स्कूलों को. मामला क़ानूनी दांव-पेंच में उलझ गया है. इतना तय है कि इस बार भी नर्सरी दाखिले की प्रक्रिया में देरी होगी. एक्सपर्ट की मानें तो इस साल जनरल केटेगरी के दाखिले के लिए दो समान्तर दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं.