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EWS कोटे से 300 फर्जी नर्सरी एडमिशन कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने 300 से ज्यादा फर्जी नर्सरी एडमिशन कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. यह रैकेट इकनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS)के कोटे के तहत दिल्ली के नामी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन कराता था.

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दिल्ली पुलिस ने 300 से ज्यादा फर्जी नर्सरी एडमिशन कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. यह रैकेट इकनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) के कोटे के तहत दिल्ली के नामी स्कूलों में बच्चों का एडमिशन कराता था. पुलिस ने इस गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

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पुलिस का कहना है कि रैकेट में काम कर रहे एजेंट पहले फर्जी नाम से बच्चे का प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराते थे बाद में स्कूल के अधिकारियों की मदद से रिकॉर्ड्स में बच्चे का नाम और कोटा दोनों बदल दिए जाते थे.

पुलिस ने खुफिया जानकारी के बाद 12 से ज्यादा नामी स्कूलों के ईडब्लूएस सर्टिफिकेट की वैरीफिकेशन की, तो बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. इस तरह के फर्जी नर्सरी एडमिशन करने वाले प्राइवेट स्कूलों में दिल्ली पब्लिक स्कूल (वसंत कुंज, रोहिणी, आर के पुरम, मथुरा रोड़), मॉर्डन स्कूल हुमांयू रोड़, रेयान इंटरनेशनल स्कूल, जीडी गोयनका स्कूल (रोहिणी), बाल भारती स्कूल (पीतमपुरा) समेत और भी स्कूल शामिल हैं.

ज्वाइंट कमीशनर ऑफ पुलिस (क्राइम) रविंद्र यादव का कहना है कि कई स्कूलों में ईडब्लूएस सर्टिफिकेट की वैरीफिकेशन का काम अभी जारी है. गिरफ्तार किए हुए आरोपियों में अनिल कुमार, सुदामा सिंह, मुकेश शर्मा शामिल हैं.  इस गिरोह का सरगना मुकेश शर्मा है.

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पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने पितमपुरा के बाल भारती पब्लिक स्कूल के ईडब्लूएस कोटे में कई फर्जी एडमिशन कराए. पुलिस का यह भी कहना है कि पूरी दिल्ली में ऐसे 8-10 मॉड्यूल और शामिल हैं जिनकी गिरफ्तारी बाकी है.

कमीश्नर यादव का कहना है कि इस गिरोह से जुड़े लोगों ने 300 से ज्यादा फर्जी दाखिले कराए हैं और हर एडमिशन के लिए 3-4 लाख रुपये वसूल किए जाते थे. कुछ महीने पहले पुलिस को एडमिशन में अनियमितताओं के बारे में जानकारी मिली और पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की.

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