ऑक्यूपाई यूजीसी (Occupy UGC) आंदोलन चला रहे स्टूडेंट्स ने 18 फरवरी को देश की हर यूनिवर्सिटी में हड़ताल का ऐलान किया है. इसके लिए 18 जनवरी से ही वे सिग्नेचर कैंपेन शुरू करने जा रहे हैं.
15 फरवरी तक चलेगा सिग्नेचर कैंपेन
सिग्नेचर कैंपेन 15 फरवरी तक चलेगा. 17 फरवरी तक इसे सभी यूनिवर्सिटीज की तरफ से जेएनयू छात्र संघ को भेजा जाएगा. इसके बाद इसे शिक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को सौंपा भी जाएगा. स्टूडेंट के कई समूहों का कहना है कि भारत सरकार एजुकेशन बजट वर्ल्ड बैंक और डब्ल्यूटीओ (WTO) से पूछकर तय करती है.
तीन महीने से चल रहा है आंदोलन
Non-net फेलोशिप खत्म किए जाने के बाद से कई यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से ऑक्यूपाई यूजीसी (Occupy UGC) आंदोलन चला रहे हैं. वे यूजीसी के बाहर बैठकर करीब तीन महीने से ज्यादा समय से फेलोशिप बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
स्टूडेंट बोले- दो महीने बाद भी फैसला नहीं
स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार उन्हें अपने फैसले में उलझाना चाहती है. काफी विरोध प्रदर्शन के बाद मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी की तरफ ने भरोसा दिया था कि फेलोशिप की राशि न सिर्फ बढ़ाई जाएगी, बल्कि स्टेट यूनिवर्सिटीज को भी इस दायरे में लाया जाएगा. लेकिन अभी तक इस फैसले पर मुहर नहीं लग पाई है.
रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट भी नहीं आई
स्टूडेंट्स के मुताबिक ऑक्यूपाई यूजीसी आंदोलन के बाद सरकार ने एक रिव्यू कमेटी भी बनाई थी. इसकी रिपोर्ट दिसंबर में ही आनी थी, पर अभी तक स्थिति साफ नहीं की गई है. रिव्यू कमेटी की बैठक 16 जनवरी को होने वाली थी. अब पता चल रहा है कि ऐसी कोई बैठक प्रस्तावित ही नहीं थी.