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DU: ओपन डेज में दूर होंगे कंफ्यूजन

डीयू में इस साल से चार साल के डिग्री कोर्स के लिए दाखिले होने हैं. इसके चलते दाखिला प्रक्रिया को लेकर छात्रों के बीच कंफ्यूजन इस बार ज्यादा है. डीयू ने इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ओपन डेज सेशन की शुरुआत की है.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी
दिल्ली यूनिवर्सिटी

दिल्ली यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएशन लेवल पर चार साल के कोर्स को मंजूरी मिलने के बाद स्टूडेंट्स और उनके पेरेंटेस को कोर्स के बारे में जानकारी देने के लिये 13 मई से ओपन डेज शुरू हुए हैं. अभी फिलहाल इस सेशन के लिये 13 और 14 मई का दिन तय किया गया है. ओपन सेशन के पहले दिन भारी संख्या में छात्र और अभिभावकों ने हिस्‍सा लिया. इस सेशन में छात्रों को एडमिशन, चार साल का डिग्री कोर्स, कटऑफ को लेकर महत्‍वपूर्ण जानकारियां दी गई.

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ओपन डेज के सेशन का समय सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक था और इसमें बड़ी संख्‍या में छात्र पहुंचे. यूनिवर्सिटी की प्लानिंग है कि ज्यादा से ज्यादा ओपन डेज सेशन किये जाएं, जिससे कोर्स को लेकर छात्रों की सभी दुविधाएं दूर हो सके.

स्टूडेंट वेलफेयर के डीन जेएम खुराना ने कहा, 'इस साल से 4 साल का डिग्री प्रोग्राम भले ही लागू हो गया हो, लेकिन दाखिला खास नहीं बदला है. तमाम कॉलेजों में इंग्लिश ऑनर्स के एडमिशन कट-ऑफ के आधार पर ही होंगे. इस सत्र के एडमिशन के लिए फॉर्म की बिक्री 5 जून से शुरू होगी. नॉर्थ कैंपस और साउथ कैंपस समेत कुल 18 सेंटरों पर फॉर्म मिलेंगे. फॉर्म ऑनलाइन भी भरे जा सकेंगे.'

क्‍या है चार साल का डिग्री प्रोग्राम
12 वीं की परीक्षा के बाद दिल्ली और देशभर के स्टूडेंट्स दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर देखते है, लेकिन इस बार चार साल के कोर्स को लेकर कंफ्यूज़न है. पहले डीयू के छात्रों को 6 सेमेस्टर पढ़ने होते थे पर अब छात्रों को 8 सेमेस्टर पढ़ने होंगे.सभी छात्रो को 8 सेमेस्टर में कंप्लसरी 11 फाउंडेशन सबजेक्ट्स पढ़ने होगें. डिसीप्लीन-1 में 20 सबजेक्ट होंगे, जो कि सबजेक्ट स्पेसिफ्क होगे. डिसीप्लीन 2 में 06 सबजेक्ट्स पढ़ने होंगे. इसके साथ ही वेल्यू बेस्ड ऐजुकशन और एनएसएस/ एनसीसी को भी महत्व दिया जायेगा.

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इस प्रोग्राम में तीन एग्जिट प्‍वांइट
इस 4 साल के डिग्री कोर्स में तीन एग्जिट प्‍वाइंट है. दो साल पढ़ने के बाद अगर कोई छात्र कोर्स छोड़ना चाहता है तो उसे डिप्लोमा सर्टिफिकेट मिलेगा. तीन साल में छोड़ने पर बैचलर डिग्री और 4 साल का कोर्स पूरा करने पर आनर्स डिग्री या बीटेक की डिग्री मिलेगी. छात्रों को डिसीप्‍लीन सब्जेक्ट चुनने की आजादी होगी. बशर्ते वो कट-आफ लिस्ट में आए. एकेडमिक काउंसिल के सदस्‍य संजय कुमार ने कहा, 'साइंस सब्जेट बीटेक की डिग्री मिलेगी, जिससे स्टूडेंट्स को नौकरी मिलने का मौका मिलेगा.'

क्‍या है कोर्स में खास
- नये प्रोग्राम में थ्योरी पर कम, प्रेकटिकल और रिसर्च पर ज्यादा जोर दिया गया है.
- छात्रों को पढाई के साथ hands on ट्रेनिंग और प्रेजेंटेशन पर भी ध्यान देना होगा. इससे छात्रों का overall developement होगा.
- 4 साल में ऑनर्स डिग्री देने का मकसद है ग्रेजुएशन सिस्टम को अमेरिका और यूरोपियन देशों की तर्ज पर बनाया जा सके.
- सांइस के छात्रो को बीटेक की डिग्री मिलेगी. बीटेक की डिग्री को छात्रों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. इसके अलावा कई नये कोर्स लाये जा रहे हैं.
- इस चार साल की ग्रेजुएशन के बाद अगर कोई छात्र डीयू से ही मास्टर्स करना चाहता है तो मास्टर्स एक ही साल में कर पायेंगे.
- कोर्स को इस तरह से बना गया है कि फाउंडेशन कोर्स में हर छात्र हर बेसिक सब्जेक्ट की जानकारी रखे. इसके साथ ही एनएसएस और एनसीसी के लिए छात्रो को एक्सट्रा क्रेडिट भी मिलेगा. इसके अलावा हर साल सिलेबस को अपडेट किया जायेगा.

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