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...जब करियर बीच में छोड़ 'सेक्सी संन्यासी' बन गए थे विनोद खन्ना

अभिनेता विनोद खन्‍ना का आज निधन हो गया है. जानिए किस तरह वे अपने करियर को बीच में छोड़कर ओशो के परम भक्‍त बन गए थे.

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विनोद खन्‍ना
विनोद खन्‍ना

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बॉलीवुड अभिनेता विनोद खन्‍ना को उनकी दमदार एक्टिंग के लिए जाना जाता रहा है, साथ ही वे बॉलीवुड के सबसे हैंडसम हीरोज भी कहे जाते थे. आज उनका निधन हो गया. जानिए किस तरह से लोग उनके स्‍मार्टनेस के कायल थे.

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हालांकि उनका जीवन कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी यूटर्न तब आया जब उन्‍होंने एक्टिंग का सफल करियर छोड़ ओशो की शरण ले ली. तब लोग उन्‍हें 'सेक्‍सी सन्‍यासी' कहने लगे थे.

परिवार को छोड़ा
कहा जाता है कि एक समय ऐसा भी था जब विनोद खन्‍ना फैमिली को वक्त देने के लिए रविवार को काम नहीं करते थे. लेकिन ओशो से प्रभावित होकर उन्होंने अपने परिवार तक को किनारे कर दिया. उनका पत्‍नी से अलगाव हो गया.

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अपना सब कुछ दान कर दिया
यूं तो वो लंबे समय से ओशो की शरण में थे पर पुणे के ओशो आश्रम में उन्हें औपचारिक तौर पर 31 दिसंबर 1975 को दीक्षा दिलाई गई थी. सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि ओशो से जुड़ने के बाद उन्होंने सैकडों जोड़ी सूट, कपड़े, जूते, लग्जरी सामान लोगों में बांट दिए थे. फिर वे गेरुआ और बाद में आश्रम द्वारा निर्धारित मरून चोगा पहनने लगे थे.

गौरतलब है कि टाइम्‍स ऑफ इंडिया से विनोद खन्‍ना ने कहा था, 'मैं हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करता था. फिल्‍म इंडस्‍ट्री में, मेरे पास पैसा था, ग्‍लैमर, फेम था लेकिन आगे क्‍या? इसलिए मैं पुणे में ओशो के आश्रम गया था. मैं पुणे में ही शूटिंग शेड्यूल रखवाया करता था. अंत में 31 दिसंबर 1975 को मैंने संन्‍यास ले लिया. जब मैंने फिल्‍मों से रिटायरमेंट लेने की घोषणा की, तो किसी को विश्‍वास नहीं हुआ. उस समय लोग मुझे 'सेक्‍सी सन्‍यासी' कहने लगे थे'.

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