फिलिस्तीन में एक शरणार्थी कैंप की एक शिक्षक ने अंतिम सूची में एक भारतीय सहित दुनिया भर के नौ अन्य उम्मीदवारों को पीछे छोड़ते हुए 10 लाख डालर का ग्लोबल टीचर प्राइज जीता है.
हन्नान अल हरूब ने भारत की रॉबिन चौरसिया तथा अन्य आठ को हराकर यह पुरस्कार जीता है. आज शाम सालाना वैश्विक शिक्षा और कौशल मंच के समापन पर वारके फाउंडेशन का यह पुरस्कार उन्होंने जीता. पोप फ्रांसिस ने वीडियो लिंक के जरिए हरूब के नाम की नाम की घोषणा की.
तकरीबन 40 साल की हरूब ने कहा, मैंने यह किया. मैं सफल रही, फलस्तीन जीता, हम सभी 10 लोगों को ताकत है, हम दुनिया बदल सकते हैं.
आपको बता दें कि ‘ग्लोबल टीचर प्राइज’ पुरस्कार के लिए अंतिम दौर में पहुंचे 10 शिक्षकों में 30 वर्षीय एक भारतीय शिक्षक भी शामिल रॉबिन चौरसिया का नाम भी शामिल था. वे मुंबई में कामतीपुर रेड लाइट जिले के लड़कियों के लिए एक गैर लाभकारी स्कूल चलाती हैं.