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भारतीय मूल के प्रोफेसर ने जीता मारकोनी पुरस्कार

अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में कार्यरत भारतीय मूल के प्रोफेसर आरोग्यस्वामी जोसेफ पॉलराज को 2014 के मारकोनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जोसेफ को उच्च गति से संकेतों का प्रसारण एवं ग्रहण करने वाली वायरलेस तकनीक के अविष्कार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया.

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अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में कार्यरत भारतीय मूल के प्रोफेसर आरोग्यस्वामी जोसेफ पॉलराज को 2014 के मारकोनी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जोसेफ को उच्च गति से संकेतों का प्रसारण एवं ग्रहण करने वाली वायरलेस तकनीक के अविष्कार में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया.

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मारकोनी सोसाइटी के अध्यक्ष डेविड पायने ने बुधवार को कैलिफोर्निया से एक बयान में कहा, 'वायरलेस तकनीक विकसित करने और मानव जाति को फायदा पहुंचाने वाले नतीजे में जोसेफ के अभूतपूर्व योगदान में कोई दोराय नहीं है. यहां तक कि वाईफाई प्रणाली, 4जी फोन और एमआईएमओ प्रणाली के भी वे अग्रणी अविष्कारक रहे हैं.'

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुग्लिलमो मारकोनी की स्मृति में दिया जाने वाले मारकोनी पुरस्कार की शुरुआत 1974 में की गई थी. रेडियो का अविष्कार करने वाले मारकोनी की बेटी गियोया मारकोनी ब्रागा ने मारकोनी पुरस्कार की शुरुआत की थी.

इससे पहले मारकोनी पुरस्कार पाने वालों की सूची में गूगल के सह-संस्थापक लैरी पेज, वर्ल्ड वाइड वेब के डिजाइनर टिम बर्नर्स-ली, मोबाइल फोन निर्माता मार्टिन कूपर और फाइबर-ऑप्टिक संचार के अविष्कारक चार्ल्स काओ शामिल हैं.

जोसेफ ने एक बयान में कहा, 'मारकोनी पुरस्कार के लिए चुने जाने को लेकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं अग्रणी अविष्कारकों के शानदार समूह में शामिल होने जा रहा हूं. एमआईएमओ तकनीक के अविष्कार में हजारों लोगों ने कड़ी मेहनत की है. उस अनुपात में मेरा योगदान बहुत छोटा है.'

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