रोजाना के काम को पूरा करने के बाद गांव से दूर जाकर पीने का पानी लाना वर्तमान में देश के एक नहीं कई गांवों की महिलाओं की कहानी है. कर्नाटक के सेटीसारा गांव में एक महिला अपने रोजाना के काम पूरा करने के बाद पीने के पानी को लाने के लिए गांव के दूसरे छोर पर बने कुएं से पानी लाने जाती थी.
इस नजारे को उसका बेटा पवन कुमार रोजाना देखता था, जब उसकी मां पूरे दिन मजदूरी करने के बाद पानी लाने के लिए गांव के दूसरे छोर में जाते-आते कई चक्कर लगाती थी.
रोजाना होने वाले इस क्रम ने उसे एक दिन इस कदर झकझोर कर रख दिया कि उसने घर के पास कुआं बनाने की ठान ली. मां का काम आसान करने के लिए उसने ऐसा किया भी और घर के पीछे 55 फुट गहरा कुआं खोद लिया.
इस काम को करना आसान नहीं था लेकिन परिवार के आर्थिक हालात ऐसे नहीं थे कि वह मजदूरों को लगाकर कुएं की खुदाई शुरू कराता. ऐसे में उसने गांव के लोकल हाइड्रोलॉजी एक्पर्ट से मिलकर सही जगह पर कुएं को बनाने की जानकारी ली और काम शुरू किया.
इस काम को करने में उसे 45 दिन का समय लगा, जिसमें 10 दिनों के लिए काम को रोका भी गया क्योंकि वह 12वीं का स्टूडेंट है और उसकी परीक्षाएं नजदीक थीं.
पवन की इस कड़ी मेहनत के बारे में पूछे जाने पर वह कहता है कि इस काम को करना बहुत कठिन था. जब मैंने 53 फुट की खुदाई की और पानी देखा तो मेरी सारी मेहनत और थकान उतर गई, बस 2 फुट की खुदाई और बाकी थी जिसे पूरा करने के साथ मैंने अपनी मां का काम थोड़ा ही सही आसान कर दिया.