दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में गर्ल्स हॉस्टल के नियमों के विरोध में 'पिंजरा तोड़' कैंपेन चल रहा है. अगस्त से चल रहे इस कैंपेन का नाम इन दिनों कैंपस की दीवारों, दरवाजों, सड़कों आदि पर खूब नजर आ रहा है.
इस विरोध में दूसरे कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भी हिस्सा ले रहे हैं. यह कैंपेन खासतौर पर हॉस्टल के उस नियम का विरोध करता है, जिनमें लड़कियों को देर रात हॉस्टल आने पर पाबंदी लगाई जाती है. इस कैंपेन की शुरुआत अगस्त से शुरू हुई थी. इसमें मुख्यत: दिल्ली यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स शामिल हैं.
इसके लिए एक फेसबुक पेज भी बनाया गया है, जहां हॉस्टल और पीजी में रहनेवाली लड़कियां अपनी परेशानी शेयर करती हैं. हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों का मानना है कि सेफ्टी के नाम पर उनकी आजादी पर पाबंदी लगाई जा रही है. इस कैंपेन के जरिए चार मुख्य मुद्दे उठाए जा रहे हैं - पहला बिना किसी जरूरत के महिलाओं पर पाबंदी लगाना, सुरक्षा के नाम पर नैतिकता की दुहाई को रोकना, महिलाओं के रुकने के लिए अच्छी जगहों की व्यवस्था करना और यौन उत्पीड़न के खिलाफ ठोस कानून बनाकर उसे लागू करना शामिल है.