भारतीय मूल के स्टूडेंट्स ने अमेरिका में अपना सिक्का फिर जमा दिया. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सोमवार को व्हाइट हाउस में एक समारोह में उनके योगदान की सराहना की. ओबामा ने खास तौर पर भारतीय स्टूडेंट्स की तारीफ की. एक अंग्रेजी अखबार ने इस संबंध में खबर दी है.
हर साल अमेरिकी राष्ट्रपति के निवास व्हाइट हाउस में एक साइंस फेयर लगता है जिसमें देश भर से प्रविष्टियां आती हैं. इस बार देश भर से 30 प्रोजेक्ट चुने गए और उनमें से पांच भारतीय मूल के स्टूडेंट्स के हैं. ओबामा उनसे बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने तीन स्टूडेंट्स अन्विता गुप्ता, रुचि पंड्या और निखिल बिहारी के प्रोजेक्ट देखने के बाद नाम ज़ोर से बोले. राष्ट्रपति ने कहा कि उनके माता-पिता आव्रजक के रूप में आए थे और उन्होंने यह कर दिखाया.
ओबामा को निखिल बिहारी का प्रोजेक्ट खास तौर से पसंद आया. निखिल पेनसिल्वानिया में हाई स्कूल का छात्र है. उसके पिता नामी डॉक्टर हैं. निखिल ने रिटेल की दुकानों में डेटा चोरी को रोकने के लिए एक सिक्योरिटी सिस्टम बनाया है. इसके लिए उसने लोगों के टाइप करने की गति को भी आधार बनाया है क्योंकि हर व्यक्ति अलग तरीके से टाइप करता है और उसकी स्पीड अलग होती है. उसकी इस खोज को 2014 में ब्रॉडकॉम मास्टर्स नेशनल फाइनल्स में सेकेंड प्राइज़ मिला है.
ओबामा को रुति पंड्या का भी प्रोजेक्ट पसंद आया जिसने एक बूंद खून से दिल की बीमारियों की जांच के लिए एक उपकरण बनाया है. तीसरी भारतीय अन्विता ने एक मशीन बनाई है जो कंप्यूटर को सिखाता है कि कैंसर की दवा कैसे खोजी जाए. इससे नई बीमारियों के लिए दवाओं की खोज आसान होगा.