scorecardresearch
 

8 करोड़ बच्‍चे स्‍कूलों से बाहर, PMO ने HRD मिनिस्ट्री को किया तलब

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मानव संसाधन मंत्रालय को किया जवाबतलब, पूछा देश में 8.4 करोड़ बच्चे स्कूलों से बाहर क्यों...

Advertisement
X
Out Of School
Out Of School

Advertisement

प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए मानव संसाधन मंत्रालय को जवाबतलब किया है. इस रिपोर्ट में साल 2011 की जनगणना डेटा का जिक्र था. इस जनगणना डेटा के हवाले से देश में 8.4 करोड़ बच्चों के स्कूल से बाहर रहने की बात कही गई गई है.

इन आकड़ों पर मिनिस्ट्री के अधिकारी कहते हैं कि इस बीच बच्चों का नामांकन तो बढ़ा है लेकिन यह बढ़ा हुआ गैप उनके लिए गंभीर समस्‍या खड़ा करता है. मिनिस्ट्री के एक सूत्र की मानें तो सरकारी संस्थाएं स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या 60 लाख से ज्‍यादा बताई है.

सर्वे में 5 से 17 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है. वहीं शिक्षा के अधिकार के दायरे में 6 से 14 साल तक के बच्चे आते हैं. वे फिर भी इस भारी गैप का संज्ञान लेंगे.

Advertisement

यह जनगणना किंडरगार्डेन/नर्सरी/मॉन्टेसरी, सेकेंडरी और ओपन स्कूलों के बच्चों का सर्वे करती है. NSSO फॉर्मल और पहली क्लास के बच्चों के आंकड़े लेती है. ऐसे मामले जिसमें बच्चा सर्वे के दिन अनुपस्थित हो तो उसे स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की श्रेणी में डाल दिया जाता है.

मंत्रालय का कहना है कि विभिन्न राज्यों से आए आंकड़ों में विभेद है. एक सीनियर अधिकारी मध्यप्रदेश और राजस्थान प्रांत का हवाला देते हैं. वे कहते हैं कि साल 2013-14 में जब यह घर-घर सर्वे शुरू हुआ था तब ऐसा पाया गया कि नामांकन में 20 फीसद गिरावट हुई है. अकेले राजस्‍थान में हजारों स्कूल मौजूद ही नहीं थे.

Advertisement
Advertisement