इन दिनों सोशल मीडिया पर ओडिशा के एक हेडमास्टर के वीडियो वायरल हो रहे हैं. ये हैं ओडिशा के एक सरकारी स्कूल में प्रभारी हेडमास्टर प्रफुल्ल कुमार पाथी, जो बच्चों को अपने अनोखे अंदाज में पढ़ा रहे हैं. मंगलवार को उनका एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो बच्चों को पढ़ाते नजर आ रहे हैं. यहां देखें वो वीडियो.
प्रफुल्ल कुमार आम शिक्षा पद्धति से हटकर अपने नूतन प्रयोग के लिए सोशल मीडिया में बीती 25 अगस्त से छाए हैं. उनके वायरल वीडियो में वो छोटे बच्चों को नाच गाकर सिखा रहे हैं. मंगलवार को वायरल हुए वीडियो में वो छात्राओं को पढ़ाते हुए नजर आ रहे हैं. वो पढ़ाने से एक दिन पहले अपने टॉपिक को डांस और गीत में ढालकर लाते हैं. वो कक्षा में बच्चों को यूनिक तरीके से पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं.
वायरल हुए वीडियो का एक दृश्य, बच्चों को सिखाते प्रफुल्ल कुमार
सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे इस वीडियो में प्रफुल्ल कुमार पाथी को क्लासरूम में गाकर पढ़ाते हुए देख सकते हैं. वो चेयर पर बैठ कर नहीं, बल्कि पूरी क्लास में डांस करते हुए छात्राओं को पढ़ा रहे हैं. वहीं छात्र भी उनकी क्लास में मस्ती करते हुए और ध्यान लगाकर सीखते दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में छात्राएं पूरे जोश से उनका गीत साथ में दोहरा रही हैं. पढ़ते समय काफ़ी जोश में दिखाई दे रहे हैं. वहीं उनके हेडमास्टर भी ऊर्जा से भरपूर हैं.
56 साल के प्रफुल्ल कुमार कोरापुट जिले में लमतापुट अपर प्राइमरी स्कूल में पढाते हैं. अपने इसी अलग अंदाज के कारण अब उन्हें डांसिंग सर के नाम से भी पहचाना जाने लगा है. डांसिग मास्टर ने ANI से बातचीत में कहा, 'मैंने महसूस किया है कि टीचिंग को मजेदार ढंग से किया जाए तो बच्चे नीरस होकर नहीं बल्कि पूरे मन से सीखते हैं. इसीलिए मैंने अपने पढ़ाने का अलग तरीका इजाद किया है. मैंने पाया कि जब मैंने गीत और नृत्य के माध्यम से पढ़ाना शुरू कर दिया, तब बच्चे ज्यादा रूचि लेने लगे. यही नहीं स्कूल में अटेंडेंस भी बढ़ी है.
ये है तकनीक#WATCH: Prafulla Kumar Pathi, the in-charge headmaster of Lamtaput upper primary school of Odisha’s Koraput district, teaches kids through songs, dance; says, "we've seen that the numbers of students attending schools have increased due to this method". pic.twitter.com/VnvN0jyLha
— ANI (@ANI) August 26, 2019
प्रफुल्ल कुमार यानी डांसिग सर स्कूल आने से पहले सभी पाठों को गाने के सिक्वेंस में बदल लेते हैं. फिर वो इसे पढ़ाने का अभ्यास भी करते हैं. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ऐसा देखा गया था कि उस स्कूल में कई बच्चे प्राथमिक शिक्षा पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ देते थे. इनमें या फिर क्लास से गायब रहते थे. पर पढ़ाने के स्टाइल से स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की वृद्धि हुई है.