केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने छात्रों को राहत देते हुए एक बड़ा और कदम उठाया है, जिसमें जावेड़कर ने कहा है 2019 के शैक्षणिक सत्र से एनसीईआरटी के सिलेबस को घटाकर आधा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा एनसीईआरटी का सेलेबस काफी मुश्किल है, इसलिए सरकार ने इसे घटाकर आधा करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे को कैबिनेट के सामने इस महीने के अंत में पेश किया जाएगा.
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शिक्षा का मतलब याद करना नहीं
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार नई-नई स्कीम ला रही है. उन्होंने मीडिया को बताया ‘शिक्षा के साथ ही एक बच्चे को फिजिकल एजुकेशन और शिक्षा की जरूरत होती है. शिक्षा का मतलब केवल याद करना और उत्तर पुस्तिका में लिखना भर नहीं है.
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शिक्षकों की खराब गुणवत्ता पर चिंता
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था जितनी जरूरी शिक्षा है उतना ही जरूरी शिक्षक है. जावड़ेकर ने शिक्षकों की खराब गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि ऐसा चलता रहा तो बच्चों की सीखने समझने की क्षमता पर असर पड़ता रहेगा. जो शिक्षा के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘शिक्षकों का मूल काम छात्रों की क्षमताओं और कमजोरियों का आकलन कर उन्हें उसी के हिसाब से आगे के लिए तैयार करना है. उन्होंने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत वर्ष 2015 तक 20 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना था लेकिन सिर्फ पांच लाख को ही प्रशिक्षित किया जा सका.