राष्ट्रपति भवन में आयोजित 40 केंद्रिय विश्वविद्यालयों के वीसी कांफ्रेस में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश भर के कॉलेजों में खाली पड़े फैकल्टी पदों के लिए चिंता जताई है.
कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ने खाली पड़े पदों के अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलाव के नेतृत्व की जिम्मेदारी केंद्रीय विश्वविद्यालयों पर है. आगे उन्होंने यह कहा कि उभरते वैश्विक रुझान की पहचान जरूरी है, जिससे दुनियाभर में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आने की संभावना है.
राष्ट्रपति ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग के अलावा, विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय रैंकिंग फ्रेमवर्क में आने का भी प्रयास करना चाहिए, जिसे शीघ्र विकसित किए जाने की जरूरत है.'
राष्ट्रपति ने इस बात पर भी चिंता जताई कि अभी तक केवल चार केन्द्रीय विश्वविद्यलयों नें सेन्टर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की है जिसका काम विश्वविद्यालयों को इंडस्ट्री से जोड़ना है.
उन्होंने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को सांसद ग्राम योजना से जुड़ने को भी कहा. राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक केन्द्रीय विश्वविद्यालय कम से कम पांच गांव को मॉडल गांव में बदलने पर काम करें.