scorecardresearch
 

देश में तेजी से घटी हैं नौकरियां, सात साल के निचले स्‍तर पर पहुंचा आंकड़ा: प्रणब मुखर्जी

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश में नौकरियां काफी कम संख्‍या में क्रिएट हो रही हैं. यह आंकड़ा बढ़ती जनसंख्‍या और कौशल के विपरीत है और सरकार को जल्‍द ही नौकरी के नए अवसरों पर रणनीति तैयार करनी चाहिए...

Advertisement
X
प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

Advertisement

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश में 2015 में पिछले सात साल की तुलना में सबसे कम जॉब क्रिएट हुई हैं.

शैक्षिक संस्‍थाओं की कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि देश में जिस संख्‍या में जॉब क्रिएट हो रही हैं वह भविष्‍य के लिए घातक हो सकता है.संस्‍थानों में छात्रों के विद्रोह के बारे में जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि शिक्षा के लिए देश में शांतिपूर्ण माहौल तैयार होना चाहिए, जिससे छात्र उच्‍च शिक्षा हासिल करने को प्रेरित हों.

इस मौके पर उन्‍होंने यह भी कहा कि शैक्षिक संस्‍थानों को छात्रों का ज्ञान बढ़ाने के साथ-साथ उनके कौशल के विकास का भी भरपूर प्रयास करना चाहिए.

उन्‍होंने कहा, 'हमारे देश में खूब सारा टैलेंट है. यहां युवाओं की ज्‍यादा संख्‍या है. पर हम केवल उत्‍पादकता बढ़ाने पर ही ध्‍यान देते हैं. अगर देश में जॉब्‍स ही नहीं होंगी तो यह टैलेंट खराब हो जाएगा. युवाओं में कुंठा बढ़ेगी. इसलिए हमें ऐसी स्थिति को आने से रोकना होगा. इसके लिए नौकरी के अवसरों को बढ़ाना ही होगा.'

Advertisement

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- कमजोर तबके पर अत्याचार के खिलाफ है सख्ती से निपटने की जरूरत

प्रणब मुखर्जी ने यह भी कहा कि साल 2015 में पिछले सात साल की तुलना में सबसे कम नौकरियाें के अवसर बने हैं. यह अच्‍छा संकेत नहीं है. जिस तरह से मशीनें इंसानों की जगह ले रही हैं उस स्थिति में सरकार को नौकरी के नए अवसरों पर गंभीरता से विचार करना होगा.

राष्‍ट्रपति ने इस बात पर भी जोर दिया कि शैक्षिक संस्‍थानाें में शांतिपूर्ण माहौल होना चाहिए. पिछले कुछ दिनों में छात्रों के आंदोलन को लेकर जो खबरें आईं हैं वे चिंताजनक हैं. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वाइस चांसलर्स और निदेशकों को रणनीति तैयार करनी होगी.

Advertisement
Advertisement