दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में नया सेशन 1 अप्रैल से शुरू हो रहा है. नर्सरी एडमिशन प्रोसेस खत्म होने वाला है और अब स्कूलों की बढ़ी फीस पैरंट्स को परेशान करेगी. सेशन शुरू होने से पहले प्राइवेट स्कूलों की फीस में 10 से 20 पर्सेंट तक का इजाफा देखने को मिलता है.
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शिक्षा निदेशालय के पास हर साल फीस को लेकर पैरंट्स की शिकायतें आती हैं. इस बार निदेशालय ने स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर का विश्लेषण करने के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाया है. निदेशालय ने वेबसाइट पर ऑनलाइन मॉड्यूल बनाया है और स्कूलों को निर्देश दिया है कि 1 अप्रैल तक फीस स्ट्रक्चर की पूरी स्टेटमेंट सब्मिट की जाए. ऑनलाइन सिस्टम से निदेशालय को स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर की पूरी डिटेल हासिल हो सकेगी और उसके बेस पर विश्लेषण भी किया जा सकेगा.
दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट के मुताबिक स्कूलों को फीस के बारे में निदेशालय को जानकारी देनी होती है, लेकिन अभी तक यह प्रोसेस मैनुअल होता था और देखने में आता था कि पूरी जानकारी फाइलों में ही सिमटकर रह जाती है. लेकिन अब ऑनलाइन सिस्टम से हर स्कूल के फीस स्ट्रक्चर की निगरानी हो सकेगी.
हालांकि स्कूलों की फीस पर निदेशालय का कोई खास कंट्रोल नहीं होता और यही कारण है कि कुछ स्कूल फीस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी कर देते हैं, लेकिन अब ऑनलाइन सिस्टम के जरिए हर स्कूल को यह बताना होगा कि फीस को लेकर कितनी कैटिगरी बनाई गई हैं.ट्यूशन फीस, डिवेलपमेंट फीस, कंप्यूटर फीस, स्पोर्ट्स फीस, लाइब्रेरी फीस, आईकार्ड फीस समेत कई कैटिगरी में फीस वसूली जाती है.