केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी संबद्ध विद्यालयों में नौवीं कक्षा से कौशल पर आधारित व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है, लेकिन उसने स्पष्ट किया है कि स्कूलों पर इन पाठ्यक्रमों को इसी सत्र से अनिवार्य रूप से लागू करने की बाध्यता नहीं होगी.
बोर्ड ने इस पाठ्यक्रम को लागू करने को इच्छुक स्कूलों की मदद के लिए कुछ निजी शिक्षा प्रदाताओं की पहचान भी की है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एक अधिकारी ने कहा कि स्कूलों में नौवीं कक्षा से कुछ व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करने का परिपत्र जारी होने के बाद कई स्कूलों ने बोर्ड के समक्ष कई सवाल उठाए हैं. इन सवालों के मद्देनजर बोर्ड यह स्पष्ट करना चाहता है कि इन व्यवसायिक कोर्स को इसी सत्र से लागू करने की स्कूलों की बाध्यता नहीं होगी और इच्छुक स्कूल राष्ट्रीय व्यवसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ) के तहत नौवीं कक्षा से कौशल विकास से जुड़े चार में से कोई एक कोर्स लागू कर सकते हैं.
अधिकारी ने बताया कि एनवीईक्यूएफ के तहत नौवीं कक्षा से स्कूल स्तर पर चार कोर्स शुरू किये जा रहे हैं, जिसमें खुदरा, आटोमोबाइल, सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी विषय शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इन कोर्स को पांच नियमित अकादमिक विषयों के साथ छठे वैकल्पिक विषय के रूप में शुरू किया जा सकता है. बोर्ड ने कहा है कि उच्च माध्यमिक स्तर पर वह संबद्ध स्कूलों से 40 व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में से कम से कम एक पाठ्यक्रम शुरू करने को प्रोत्साहन देगा. बोर्ड ने इस उद्देश्य के लिए 35 कौशल ज्ञान प्रदाताओं (एसकेपी) की पहचान की है और स्कूल इनके साथ 9वीं से 12वीं कक्षा में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए सहयोग कर सकते हैं.
नौंवी से 12 वीं कक्षा में पढ़ाने के लिए जिन व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की पहचान की गई है, उनमें खुदरा, सूचना प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, आटोमोबाइल, बैंकिंग, बीमा, आतिथ्य, पर्यटन, मास मीडिया, मीडिया प्रोडक्शन, स्वास्थ्य, सौंदर्य, संगीत, डिजाइन आदि विषय शामिल हैं. बोर्ड ने स्कूलों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने में मदद के लिए 35 शिक्षा प्रदाताओं को पैनल में शामिल किया है. सीबीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को सामान्य विषयों के साथ दक्षता आधारित कौशल विकास पाठ्यक्रम चुनने का विकल्प होगा. इस पहल का मकसद बच्चों को स्कूली शिक्षा समाप्त करने के बाद रोजगार प्राप्त करने में मदद करना है. देश में दक्ष मानव संसाधन की भारी कमी है और काफी संख्या में बच्चे व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने विदेश जाते हैं. ऐसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने नौवीं कक्षा से व्यावसायिक एवं कौशल विकास के पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है.
कौशल विकास के संबंध में उच्च माध्यमिक स्तर पर 40 और माध्यमिक स्तर पर 4 पाठ्यक्रम पेश किये गए हैं. माध्यमिक स्तर पर चार व्यावसासिक पाठ्यक्रम पेश करने के लिए सीबीएसई ने सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी, आस्ट्रेलिया के साथ सहयोग किया है. नौवीं कक्षा में शैक्षणिक सत्र 2013.14 से चार व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किये जायेंगे जिसमें सुरक्षा, खुदरा क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आटोमोबाइल प्रौद्योगिकी शामिल है.
प्रत्येक पाठ्यक्रम 200-200 घंटे का होगा. इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा पात्रता ढांचा (एनवीईक्यूएफ) तैयार किया गया है जो देश में व्यावसायिक शिक्षा को बढावा देने और कौशल विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. सरकार को उम्मीद है कि इस पर अमल करने से 2020 तक देश में दक्ष मानव संसाधन का समूह तैयार हो जायेगा.