कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने एक मनरेगा के मजदूर के बेटे को ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की मेन परीक्षा में कामयाब होने पर बधाई दी है. राहुल ने एक अखबार की खबर संलग्न करते हुए ट्वीट किया, "राजस्थान के जनजातीय गांव भीलन के रहने वाले एक मनरेगा मजदूर के बेटे को जेईई-मेंस में कामयाबी पर बधाई!" राहुल के बाद प्रियंका ने भी ट्विटर पर लिखा, "प्रिय लेखराज, हमें आप पर गर्व है आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं".
राजस्थान के आदिवासी गांव भीलन के MNREGA मजदूर के पुत्र लेखराज ने जेईई मेन परीक्षा में सफलता हासिल की है। आपकी इस कामयाबी पर दिल से बहुत बहुत बधाई ।https://t.co/Utqs2cJH2x
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 28, 2019
प्रिय लेखराज, हम सबको आप पर गर्व है। आपके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ। https://t.co/FtfZvoumDC
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 28, 2019
कौन हैं लेखराज
18 साल के लेखराज भील अपने माता- पिता के साथ राजस्थान के मनरेगा में रहते हैं उनके पिता मजदूर हैं. गांव में जेईई परीक्षा पास करने वाले वह पहले लड़के हैं. बेटे की सफलता पर पिता मांगीलाल ने न्यूज एंजेंसी भाषा को इंटरव्यू देते हुए कहा था, कि मुझे नहीं पता था कि एक इंजीनियर होता क्या है. मैं तो सपने में भी नहीं सोच सकता था कि मेरा बेटा ग्रेजुएट हो जाएगा. आज मैं ये सोचकर खुश हूं कि मेरा बेटा भेल समुदाय और गांव का पहला इंजीनियर बनने जा रहा है.
ये चाहते हैं लेखराज
लेखराज का कहना है कि वह अपने गांव के बच्चों में शिक्षा को लेकर अवेयरनेस फैलान चाहता हूं. उन्हें शिक्षा के महत्व के बारे में बताना चाहता हूं. यहां रहने वाले ज्यादातर लोग निरक्षर हैं और मजदूर के रूप में काम करते हैं.
आपको बता दें, लेखराज की सफलता के पीछे उनके शिक्षक जसराज सिंह गुर्जर, स्कूल के प्रिंसिपल और कोटा में अपने कोचिंग संस्थान हैं, उनके शिक्षक का कहना है कि लेखराज पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन उसे ये पता नहीं था कि उसे करियर कहां बनाना है. उसने जेईई परीक्षा के बारे में भी नहीं सुना था.
लेखराज गांव से 6 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे. उनका परिवार आर्थिक रूस से इतना सशक्त नहीं है कि वह उसे कोटा से कोचिंग करवा सके. ऐसे में उनके शिक्षक अपने साथ लेखराज को कोटा ले गए. यहां एक कोचिंग संस्थान के निदेशक नवीन माहेश्वरी से मिले, जिन्होंने उसे निशुल्क प्रवेश, आवास और भोजन दिया. लेखराज की स्कूल पढ़ाई हिंदी मीडियम से हूई है. ऐसे में उन्हें कुछ महीनों तक पढ़ाई कठिन लगी. लेकिन कहते हैं कुछ करने का जज्बा हो तो जीवन की हर मुश्किल को हल किया जा सकता है. लेखराज ने वही किया. आज नतीजा आपके सामने है. उन्होंने जेईई मेन परीक्षा में 10740 रैंक हासिल की है.