राजस्थान में हो इतिहास को लेकर हो रही बहस के बीच सरकार विज्ञान के सिलेबस को बदलने की तैयारी कर रही है. प्रदेश के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने इतिहास के बाद विज्ञान के फैक्ट्स बदलने को कहा है. उन्होंने कहा है कि हमें दुनिया को यह बताना चाहिए कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने नहीं दिया था, जबकि ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने दिया था.
देवनानी के अनुसार गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन का नहीं था. उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में कहा कि हमें बचपन से पढ़ाया जा रहा है कि गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत न्यूटन ने दिया था जबकि वास्तविकता यह है की न्यूटन से 1000 साल पहले ही भारत में ब्रह्मगुप्त द्वितीय ने सिद्धांत दे दिया था. क्यों नहीं इस बात को हमें बच्चों को सिलेबस में पढ़ाना चाहिए.
ग्रेविटी ही नहीं, न्यूटन ने इन बातों से भी दुनिया का कराया अवगत
देवनानी का मानना है कि अंग्रेजों के बताए विज्ञान और इतिहास में भारत में हुए खोज और शोध को जगह नहीं दी गई है जिसे अब दी जानी चाहिए. शिक्षा मंत्री का ये भी कहना है कि राजस्थान में कोई कन्हैया पैदा नहीं हो, इस बात का विश्वविद्यालय पूरा ध्यान रखें. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की तरह राजस्थान के विश्वविद्यालयों में कोई कन्हैया नहीं पैदा होने दें. बच्चों में संस्कारों के शिक्षा खत्म हो रही है इसलिए शिक्षा के साथ-साथ छात्रों में संस्कारों का भी संचार होना चाहिए.
बदलेगा पद्मिनी का इतिहास! राजस्थान बोर्ड कर सकता है किताबों में बदलाव
बता दें कि इससे पहले फिल्म पद्मावत को लेकर भी राजस्थान बोर्ड की किताबों में इतिहास बदलने की बात कही गई है. किताबों में छपे चितौड़गढ़ के इतिहास में भी सरकार परिवर्तन कर सकती है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इतिहास में बदलाव की बातें सामने आई है.