राजस्थान में पेपर लीक मामले में लंबे समय से फरार चल रहे 50 हजार के ईनामी आरोपी जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के कांस्टेबल शैतानाराम बिश्नोई को जोधपुर रेंज आईजी की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. इस टीम की पेपर लीक में पांचवी गिरफ्तारी है. पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल को उसकी गर्लफ्रेंड के जरिए पकड़ा.
शैतानाराम के पास पेपर लीक गिरोह में पेपर उपलब्ध करवाने के बदले गिरोह को मिलने वाले भुगतान के लेन-देन को मैनेज करने का जिम्मा था. पुलिस को उसे पकड़ने के काफी मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि आरोपी खुद जोधपुर पुलिस कमिश्नर की स्पेशल टीम का सदस्य था.
आरोपी को पकड़ने के लिए आईजी की टीम डेढ़ महीने तक उसका पीछा करती रही. कई दिनों तक हैदराबाद में भी डेरा डाला. टीम की भनक लगते ही शैतानाराम को हैदराबाद छोड़ना पड़ा. टीम को उसके गंगानगर में होने की जानकारी मिलने पर बुधवार को उसे गुप्त ठिकाने से पकड़ा गया.
केस में आने के बाद फरार था कांस्टेबल
कांस्टेबल शैतानाराम बिश्नोई सांचौर जिले के करावड़ी गांव का रहने वाला है. जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि इस अप्रैल में उसके खिलाफ जांच में एसओजी को सबूत मिले थे. इसकी भनक लगते ही वह फरार हो गया, जिसके बाद उस पर 4 मई को 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था.
आरोपी पुलिस कांस्टेबल होने से उसे पता था कि मोबाइल का इस्तेमाल उसके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए वह अपने मोबाइल बंद रखता था. उसने बातचीत के लिए अलग तरीका निकाला. सिग्नल एप के जरिए किसी दूसरे को कॉल करता था, जो उसे आगे कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोगों से संपर्क करवाता था. इससे उसकी कॉलिंग ट्रेस नहीं होती थी, लेकिन साइक्लोनर टीम ने इसका भी तोड़ निकाला.
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गर्लफ्रेंड के जरिए आरोपी तक पहुंची पुलिस
इस दौरान जोधपुर में काम करते समय वह किसके संपर्क में रहता था. उसकी भी पड़ताल जारी थी, जिसमे पुलिस में ही उसकी एक गर्ल फ्रेंड का पता चला, जिसके सहयोग से टीम आगे बढ़ती गई. प्रारंभिक पूछताछ में शैतानाराम ने बताया है कि वह रीट और सब इंस्पेक्टर पेपर लीक मामले से जुड़े लोगों के लिए लेनदेन का प्रबंध करता था. एसओजी को इसके पकड़े जाने से अब तक की कार्रवाई में पकड़े गए लोगों के लेनदेन का सही विवरण मिलेगा. जोधपुर रेंज आईजी की टीम ने अब कांस्टेबल शैतानाराम विश्नोई को एसओजी जोधपुर की टीम को सौंप दिया है.