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राम जन्मभूमि मुद्दे पर सेमिनार को लेकर अखाड़े में बदला डीयू, ITBP की तैनाती

दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले राम जन्मभूमि पर सेमिनार को लेकर कई स्टूडेंट् संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है.

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एनएसयूआई ने किया विरोध-प्रदर्शन
एनएसयूआई ने किया विरोध-प्रदर्शन

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में राम जन्मभूमि को लेकर हो रहे सेमिनार पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. सेमिनार के शुरू होने से पहले ही कई छात्र संगठनों ने इसका विरोध आर्ट्स फैकल्टी के बाहर करना शुरू कर दिया है. स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं, पुलिस बल के साथ स्टूडेंट की झड़प भी हुई.

यहां 9 जनवरी से राम और राम जन्मभूमि को लेकर दो दिवसीय सेमिनार शुरू हो रहा है. इसे अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ आयोजित कर रही है. यह विश्व हिंदू परिषद का रिसर्च संगठन है, जिसे वीएचपी नेता अशोक सिंघल ने स्थापित किया था. इस सेमिनार का विषय 'श्री राम जन्मभूमि मंदिर: उभरता परिदृश्य' रखा गया है. सेमिनार का उद्घाटन बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी करेंगे.

सेमिनार का विरोध आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग छात्र युवा संघर्ष समिति (CYSS), ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) और कांग्रेस पार्टी की स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) कर रही है. वहीं, यूनिवर्सिटी ने अपने आपको इससे अलग करते हुए कहा है कि उसका इस संगोष्ठी के विषय से कोई लेना-देना नहीं है तथा संगठन ने अपने कार्यक्रम के लिए स्थान को बुक किया है जो बाहर के लोगों के लिए उपलब्ध रहता है.

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सेमिनार पर सियासत:
इस बारे में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था 'वे लोग जो इस सेमिनार का विरोध कर रहे हैं, उनके लिए असहिष्णुता का मुद्दा अब कहां चला गया. यह सेमिनार बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित हो रहा है, कोई कैसे इसका विरोध कर सकता है, अगर कुछ गलत हो रहा है तो उसके लिए हमेशा एक कानून है.'

वहीं कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर का कहना है, 'राम मंदिर बनाने की शुरुआत 1994 से पहले ही शुरू कर दी गई थी. मैं सेमिनार को लेकर ज्यादा नहीं जानता हूं.'

बीजेपी प्रवक्ता नलीन कोहली ने कहा, 'इस देश में सबको अपनी बात कहने का हक और सबको अपनी बात कहने देना चाहिए.'

विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर आईटीबीपी की तैनाती की गई है.

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