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जानें- इस विलुप्त होते पक्षी के बारे में जिसकी चोंच में फंसा था प्लास्टिक का छल्ला

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 black-necked stork is a rare bird
black-necked stork is a rare bird

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1 हफ्ते से लंबा चला काली गर्दन वाले स्टार्क पक्षी को ढ़ूंढने का सर्च ऑपरेशन आखिरकार सफल रहा. रविवार की शाम 6 बजे (10 जून) को यह पक्षी नजफगढ़ झील के पास देखा गया था. जिसके बाद बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS), नेचर कंज़र्वेशन फाउंडेशन और वन्यजीवन विभाग के बचावकर्ताओं के साथ आठ लोगों की टीम ने इस पक्षी को ढूंढ निकाला.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पक्षी बिल्कुल सही सलामत है. चोंच से छल्ला निकालने के बाद तुंरत पानी पिलाया गया. क्योंकि पक्षी काफी समय से प्यासा और भूखा था. 

कहां देखा गया था सबसे पहले

पक्षी पर नजर रखने वाले एक समूह ने दिल्ली के पास काली गर्दन वाले विलुप्त होती प्रजाति स्टार्क पक्षी को देखा था. जब उन्होंने इस पक्षी को देखा तो पाया कि उसकी चोंच पर एक प्लास्टिक छल्ला लगा हुआ था. जिसकी वजह से ये पक्षी कुछ भी खाने-पीने में सक्षम नहीं था. साथ ही फंसे छल्ले की वजह से वह अपना मुंह भी नहीं खोल पा रहा था. वन्यजीव प्रेमी और वन अधिकारी विलुप्त हो रही प्रजाति के एक पक्षी को बचाने की कोशिश कर रहे थे, ताकि जल्द से जल्द पक्षी को सही सलामत पकड़ लें. 

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कब देखा गया ये पक्षी

दिल्ली की बिलखती गर्मी में काली गर्दन वाले स्टार्क नाम के इस पक्षी को पहली बार दिल्ली के बाहर एक दलदली जमीन में 7 जून को देखा गया था. आपको बता दें, इन दलदली इलाके में कई सारे पक्षी खाने और पानी की तलाश में आते हैं. वहीं पक्षी को ढूंढने में लगे वन अधिकारियों का कहना है कि अगर जल्द ही इस पक्षी का नहीं ढूंढा गया ता ये भूखमरी से मर सकता है. इसलिए  पक्षी को ढूंढने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है. 

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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार पक्षी बचाव दल में शामिल पंकज गुप्ता बर्ड वॉचर के साथ-साथ दिल्ली बर्ड फाउंडेशन के सदस्य भी हैं. उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए कहा था कि  'पक्षी की हालात बहुत नाजुक है. अगर इसे जल्द ढूंढा नहीं गया था तो एक खूबसूरत पक्षी को खो देंगे'. वही उन्होंने कहा 'ये प्लास्टिक का छल्ला उस दौरान उसकी चोंच में फंस गया होगा जब वह पानी पीने की कोशिश कर रहा होगा'. क्योंकि ये प्लास्टिक का छल्ला किसी बोतल की ही लग रही है.

कहां पाई जाते हैं प्रजाति

आमतौर पर ये पक्षी भारत के कुछ इलाकों के अलावा इंडोनेशिया और श्रीलंका में भी पाए जाते हैं. गुप्ता ने बताया ये एक पक्षियों की विलुप्त होती प्रजाती है. लेकिन कीड़े और मछली खाने की तलाश में ऐसे 50 से 60 पक्षी दिल्ली के बाहर वाले दलदली इलाकों में आते हैं.  वहीं माना जा रहा है इस पक्षी की लंबाई करीब 5 फुट है.

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ट्विटर पर लोग इस पक्षी को जल्द से जल्द ढूंढ निकालने के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे थे.

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