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रेवाड़ी: बेटियों की मांग के आगे झुकी खट्टर सरकार, 8 दिन बाद अनशन खत्म, 12वीं तक अपग्रेड होगा स्कूल

हरियाणा के रेवाड़ी में भूख हड़ताल कर रहीं छात्राओं की मांग के आगे सरकार झुक गई है. सरकार ने स्कूल के अपग्रेडेशन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके बाद छात्राओं ने हड़ताल खत्म कर दी.

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रेवाड़ी में छात्राओं का अनशन जारी
रेवाड़ी में छात्राओं का अनशन जारी

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हरियाणा के रेवाड़ी में भूख हड़ताल कर रहीं छात्राओं की मांग के आगे सरकार झुक गई है. मनोहर लाल खट्टर सरकार ने छात्राओं की मांग मानते हुए स्कूल के अपग्रेडेशन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद एक हफ्ते से अनशन कर रहीं छात्राओं ने हड़ताल खत्म कर दी.

करीब 80 से ज्यादा छात्राएं धरने पर बैठी हई थीं. जिनमें 13 लड़कियां आमरण अनशन पर थीं. बुधवार को हरियाणा सरकार ने उनकी मांग को मान लिया और स्कूल के अपग्रेडेशन का आदेश जारी कर दिया.

भीषण गर्मी के बीच भूख हड़ताल कर रहीं छात्राओं की तबीयत बिगड़ने लगी थी.बुधवार को तीन छात्राओं को अस्पताल ले जाया गया.

वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने छात्राओं के इस आंदोलन को राजनीति से प्रेरित करार दिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि वो इन छात्राओं से अपील करते हैं कि वह राजनीति के चक्कर में ना पड़ें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल अपग्रेडेशन का काम एक प्रोसेस के तहत होगा.

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अनशन पर क्यों हैं छात्राएं?
रेवाड़ी के खोल ब्लॉक के गांव गोठड़ा टप्पा डहिना की 80 से अधिक लड़कियां बीते एक हफ्ते से अनशन पर हैं. इनकी मांग है कि गांव के 10वीं तक के स्कूल का दर्जा बढ़ा कर सीनियर सेकेंडरी किया जाए जिससे कि वहां 12वीं तक पढ़ाई हो सके.

छात्राओं को 10वीं से आगे की पढ़ाई के लिए कनवली स्थित स्कूल जाना पड़ता है. ये स्कूल इनके गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है. छात्राओं के मुताबिक उन्हें रोज स्कूल आने-जाने में छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है. गांव के सरपंच सुरेश चौहान का कहना है कि छेड़छाड़ करने वाले शोहदे किस्म के लड़के इतने शातिर हैं कि हेलमेट पहने रखते हैं, जिससे कि उनकी पहचान ना हो सके.

लड़कियों ने अपनी परेशानी घरवालों के साथ ही सरपंच को भी बताई. घरवालों ने तो लड़कियों को यहां तक कह दिया कि स्कूल छोड़ दो. वहीं सरपंच ने मामले को स्थानीय अधिकारियों के सामने उठाया लेकिन बात नहीं बनी. आखिरकार इन लड़कियों ने खुद ही मोर्चा संभालते हुए भूख हड़ताल शुरू कर दी.

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