प्राइमरी और मिडिल स्कूल की शिक्षा को भी शिक्षा के अधिकार के दायरे में लाने के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा परामर्श बोर्ड 19 अगस्त को होने वाली बैठक में चर्चा की जाएगी. बोर्ड शिक्षा सुधारों के मुद्दे पर केंद्र और राज्यों को सलाह देने वाली शीर्ष संस्था है.
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता वाली पुनर्गठित संस्था की बैठक में आरटीई कानून के विस्तार पर बनी बोर्ड की उपसमिति की स्थिति रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा होगी. इस बैठक में राज्य के शिक्षा मंत्रियों के अलावा शिक्षाविद और विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट लोग शामिल होंगे.
मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, यह कानून पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक लागू होंगे. इसके विस्तार का उद्देश्य छोटे बच्चों को नर्सरी में दाखिला दिलाना और आठवीं से दसवीं तक पहुंचने के दौरान स्कूल छोड़ने के मामलों पर रोक लगाना है.
केब की उपसमिति ने वर्ष 2012 में यूपीए के शासनकाल में अपनी रिपोर्ट जमा करवाई थी. इस रिपोर्ट में इसने विस्तारित मसविदे के तहत प्री-स्कूल में प्रवेश की उम्र, प्री-प्राइमरी स्तर के शिक्षकों की योग्यता और क्षमता निर्माण, माध्यमिक शिक्षा में बच्चों की उम्र और माध्यमिक शिक्षा की अवधि जैसे मुद्दों की पहचान की थी.
केब की पिछली बैठक की अध्यक्षता करते हुए तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कहा था कि आरटीई के दायरे को विस्तार देने के फैसले पर पहुंचने से पहले इस मामले पर व्यापक चर्चा की जरूरत है.
बोर्ड आठवीं कक्षा तक किसी को फेल न करने वाली नीति पर एक अन्य उप समिति की रिपोर्ट पर भी चर्चा करेगी. हरियाणा की तत्कालीन शिक्षा मंत्री गीता बुक्कल की अध्यक्षता वाली समिति ने इसे हटाने की सिफारिश की थी क्योंकि स्वत: पास कर देने की प्रणाली से सीखने के नतीजे प्रभावित हुए. राज्य के नियमों में कुछ जरूरी संशोधन करके आरटीई को लागू करने पर प्रभाव में आई इस नीति को कुछ राज्य पहले ही हटा चुके हैं.
इनपुट: भाषा