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शिक्षण संस्थानों के अल्पसंख्यक दर्जे की हो समीक्षा: RSS

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इकाई भारतीय शिक्षण मंडल (बीएसएम) चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट शिक्षण संस्थानों के अल्पसंख्यक दर्जे की समीक्षा की जानी चाहिए.

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इकाई भारतीय शिक्षण मंडल (बीएसएम) चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट शिक्षण संस्थानों के अल्पसंख्यक दर्जे की समीक्षा की जानी चाहिए.

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बीएसएम का मानना है कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों ने उन्हें मिली स्वायत्तता के विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया है. संगठन के संयुक्त संगठन सचिव मुकुल कांतिकर ने कहा कि कई ऐसे अल्पसंख्यक संस्थान हैं, जिनके मैनेजमेंट में तो अल्पसंख्यक हैं, लेकिन स्टूडेंट्स की बात करें तो बहुसंख्यक समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है.

यही नहीं ये लोग शिक्षा के अधिकार और सरकार की लोक कल्याण नीतियों को भी लागू नहीं करते. उनके अनुसार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता इसलिए दी गई थी ताकि अल्पसंख्यक समुदायों में शिक्षा के जरिए विकास हो.

उन्होंने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के दर्जे की परिभाषा की समीक्षा होनी चाहिए, फिर चाहे वो सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से हो या फिर संविधान में संशोधन करके की जाए.

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