scorecardresearch
 

स्‍कूल के ऐसे नियम जिसे तोड़ना चाहते हैं सारे स्‍टूडेंट्स

स्‍कूल में पढ़ाई के दौरान ऐसे कई नियम होते हैं, जिन्‍हें हम तोड़ते है और जो नहीं तोड़ पाते उन्‍हें तोड़ने का पूरा मौका तलाश करते रहते हैं. हम बताते हैं आपको स्‍कूल टाइम के कौन-कौन से हें वो चुनिंदा नियम:

Advertisement
X
Symbolic Image
Symbolic Image

स्‍कूल में पढ़ाई के दौरान ऐसे कई नियम होते हैं, जिन्‍हें हम तोड़ते है और जो नहीं तोड़ पाते उन्‍हें तोड़ने का पूरा मौका तलाश करते रहते हैं. हम बताते हैं आपको स्‍कूल टाइम के कौन-कौन से हें वो चुनिंदा नियम:

Advertisement

यूनिफॉर्म : रोजाना स्‍कूल एक ही ड्रेस प‍हनकर जाना किसी सजा से कम नहीं होता . कई बार हम सोचते हैं, इस नियम को बदल देना चाहिए लेकिन आज भी यह नियम बरकरार है.

आजादी से घूमना: जहां जितने बंधन होते हैं वहां उतनी ही आजादी की इच्‍छा बढ़ जाती है. ऐसी ही एक आजादी स्‍कूल में पढ़ने के दौरान हम पाना चाहते हैं. जहां कोई न रोके न टोके बस एक क्‍लास रूम से दूसरे क्‍लास रूम घूमते रहें. जब दिल करें फील्‍ड में दौड़ लगाने पहुंच जाएं और जब दिल करें क्‍लास में पढ़ने आ जाएं.

क्‍लास रूम में बैठकर खाना: घर से कितना ही पेट फुल करके स्‍कूल पहुंचे, लेकिन स्‍कूल पहुंचते ही भूख के मारे पेट में चूहे कूदने लगते हैं. भूख खासतौर से तब जरूर लगती है जब टीचर पढ़ा रही हो. ऐसे में टेबल के नीचे हाथ रखकर खाने का सामान बैग से निकाल कर चोरी से खाना खाने का आनंद इतना आता है कि पूछो मत.

Advertisement

स्‍कूल से छुट्टी: क्‍लास बंक मार कर स्‍कूल के बाहर घूमना तो स्‍कूल लाइफ में हर स्‍टूडेंट अपना अधिकार समझता है, लेकिन छुट्टी आसानी से तो मिलने से रही, लिहाजा पेट दर्द का बहाना सबसे परफेक्‍ट लगता है. यह बहाना कई बार काम कर भी जाता है लेकिन कई बार झूठ पकड़े जाने पर सजा भी मिलती है.

एसेंबली: एक साथ सारे बच्‍चों के साथ खड़े होकर प्रेयर करने का लॉजिक आजतक स्‍टूडेंट्स को नहीं समझ आया. हां इतना जरूर पता होता है कि एसेंबली में नहीं पहुंचने की इच्‍छा हर रोज होती है.

Advertisement
Advertisement