हिंदी के वरिष्ठ आलोचक और विविधता भरे और बहुभाषी भारतीय समाज को सामने लाने वाले रमेश कुंतल मेघ को 'विश्वमिथकसरित्सागर' पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है. वहीं उर्दू के बेग एहसास की 'दखमा' सहित 24 कृतियों को साल 2017 के अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है.
आईएएनएस के अनुसार साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवास राव का कहना है कि पुरस्कार योग्य पुस्तकों का चयन इस विषय के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार संबंधित भाषाओं में तीन सदस्यों की जूरी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर किया गया. उन्होंने कहा कि पुरस्कार योग्य कृतियों का चयन अकादेमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में गुरुवार को कार्यकारिणी की बैठक में किया गया.
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इस साल पुरस्कार के लिए 24 भाषाओं से सात उपन्यासों, पांच कविता संग्रह, पांच कहानी संग्रह, पांच आलोचना, एक निबंध और एक नाटक को चुना गया है. साहित्य अकादमी से जारी जानकारी के अनुसार, अंग्रेजी उपन्यास 'द ब्लैक हिल' के लिए ममंग दाई को, बांग्ला उपन्यास 'सेई निखोंज मनुष्यता' के लिए अफसर अहमद को, कश्मीरी कहानी संग्रह 'येली पर्दा वोथ' के लिए आतुर कृशन रहबर को पुरस्कार के लिए चुना गया.
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मैथिली कविता संग्रह 'झलक डायरी' के लिए उदय नारायण सिंह 'नचिकेता' को, मराठी कविता संग्रह 'बोलावे ते आम्ही' के लिए श्रीकांत देशमुख को, नेपाली पुस्तक 'कृति विमर्श' के लिए बीना हंगखीम को चुना गया. सूचना के अनुसार, पंजाबी उपन्यास 'स्लो डाउन' के लिए नछत्तर को, राजस्थानी में पुस्तक 'बिना हासल पाई' के लिए नीरज दईया को और संस्कृत में उपन्यास 'गंगापुत्रवेदानां' के लिए निरंजन मिश्रा को पुरस्कार के लिए चुना गया. चयनित साहित्यकारों को साहित्य अकादेमी पुरस्कार अगले साल 12 फरवरी को होने वाले वार्षिक आयोजन 'साहित्योत्सव' में प्रदान किया जाएगा.