scorecardresearch
 

एनएसयूआई के फेस्‍ट में ओलंपिक विजेता साक्षी ने की शिरकत

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर एनएनयूआई ने फ्रेशर्स को लुभाने की कवायद शुरु कर दी है. इसी कड़ी में एनएनयूआई ने सोमवार को यूनिवर्सिटी कल्चरल फेस्ट का आयोजन किया.

Advertisement
X
एनएनयूआई के फेस्‍ट में ओलंपिक विजेता साक्षी
एनएनयूआई के फेस्‍ट में ओलंपिक विजेता साक्षी

Advertisement

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर एनएसयूआई ने फ्रेशर्स को लुभाने की कवायद शुरु कर दी है. इसी कड़ी में एनएसयूआई ने सोमवार को यूनिवर्सिटी कल्चरल फेस्ट का आयोजन किया.

तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एनएसयूआई के इस फेस्ट में कई नामी सिंगरों को बुलाया गया. स्टेडियम के अंदर जहां म्यूजिकल शो के जरिए एनएसयूआई फेशर्स को एंटरटेन कर रही थी, तो वहीं स्टेडियम के बाहर डूसू के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. ये दोनों तस्वीरें एनएनयूआई के कल्चरल फेस्ट की है. वो कल्चरल फेस्ट जो डीयू में डूसू के दंगल पर हावी होते बाहुबल और धनबल की झलक दिखाता है. ये तो महज शुरुआत है. लेकिन डूसू चुनाव जीतने के लिए वोट बटोरने का ये तरीका डीयू में काफी पुराना है. पिछले साल सीवाईएसएस ने रॉक शो के जरिए फ्रेशर्स को लुभाने की कोशिश की तो इस साल एनएनयूआई ऐसे कल्चरल शो के बहाने फ्रेशर्स को वोटों में बदलने की जुगत लगा रही है.

Advertisement

कल्चरल फेस्ट के बहाने वोट जुटाने की कवायद
एनएसयूआई के इस कार्यक्रम में जोगिया खली बली फेम पंजाबी सिंगर भुप्पी ने कई हिट नंबर गाकर फ्रेशर्स को एंटरटेन किया तो वहीं रैपर फैज़लपुरिया के लड़की ब्यूटीफुल जैसे गानों पर स्टेडियम में बैठा हर छात्र झूमने लगा. फेस्ट में जसबिंदर जस्सी, दिलबाग सिंह, सनम सिंह और कॉमेडियन दारसी भरेडिया जैसे कलाकारों ने शिरकत की. एनएसयूआई के इस फेस्ट में शामिल होने वाले ज्यादातर छात्र फ्रेशर्स थे. जिन्होंने पॉप सिंगर से लेकर रैपर तक सभी के परफॉरमेंस को खूब एन्जॉय किया और जमकर ठुमके लगाये.

साक्षी मलिक ने बढ़ाया हौसला
ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल कर देश का नाम रोशन करने वाली साक्षी मलिक भी एनएसयूआई के फेस्ट में शामिल हुई. एनएसयूआई ने जहां साक्षी मलिक को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया तो वही साक्षी ने सभी छात्रों को प्रोत्साहित किया.

फेस्ट में टूटे डूसू के नियम-कायदे
स्टेडियम के अंदर एनएसयूआई का कल्चरल फेस्ट पूरे शबाब पर था तो स्टेडियम के बाहर संभावित उम्मीदवारों के नामों की पर्चियां जमीन पर बिखरीं पड़ी थीं. कारों का काफिला भी पोस्टर से लैस था और तो और कार्टून कैरेक्टरर्स के जरिए संभावित उम्मीदवार अपना प्रचार भी कर रहे थे. जो कि सीधे सीधे डूसू चुनाव की गाइडलाइन्स का उल्घंघन है.

Advertisement

हालांकि एनएसयूआई इसे कार्यकर्ताओं और छात्रों का जोश बताकर बचने की कोशिश कर रही है. एनएसयूआई की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमृता धवन के मुताबिक अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है लिहाज़ा अक्सर छात्र या कार्यकर्ता जोश और उत्साह में आकर ऐसा कर देते हैं. लेकिन एनएसयूआई पूरी तरह पेपर फ्री चुनाव के पक्ष में है, हालांकि डीयू को विकल्प के तौर पर कॉलेज में वाल ऑफ़ डेमोक्रेसी जैसे ऑप्शन देने चाहिए ताकि उम्मीदवार प्रचार कर सके.

एनएसयूआई के इस फेस्ट को एबीवीपी धनबल और बाहुबल का प्रदर्शन बता रही है. एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा के मुताबिक एनएसयूआई सिर्फ चुनाव के समय आकार छात्रों को खरीदने की कोशिश करती है लेकिन डीयू के विद्यार्थी अब इन्हें पहचान गए हैं. छात्र जानते हैं कि कैंपस में ग्राउंड पर पूरे साल एबीवीपी ही काम करती है. इसीलिए ऐसे फेस्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता. एबीवीपी इस धनबल और बाहुबल को पराजित कर चारों सीटें फिर से जीतेगी.

वही एनएसयूआई इसे मनी और मसल पावर का गेम नहीं बल्कि फ्रेशर्स को वेलकम करने के लिए आयोजित किया गया फेस्ट बता रही हैं. ये और बात है कि पूरे कार्य़क्रम में या बैनर-पोस्टरों में कहीं भी वेलकम प्रोग्राम का जिक्र नहीं किया गया. खैर, डूसू चुनाव को देखते हुए फ्रेशर्स को लुभाने की इस कवायद में एनएसयूआई कितना सफल हुई ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

Advertisement

दरअसल पिछले तीन सालों से डूसू पर एबीवीपी का कब्जा रहा है, लिहाजा इस साल एनएसयूआई अपनी साख बचाए रखने के लिए डूसू चुनाव हर हाल में जीतना चाहेगी. यही वजह है कि कांग्रेस नेता और सांसद दीपेन्द्र हुडा, ऑस्कर फर्नांडिस और योगानन्द शास्त्री जैसे कद्दावर नेता भी इस फेस्ट में शिरकत करते और एनएसयूआई से जुड़ने की अपील करते नजर आए. देखना दिलचस्प होगा कि डूसू का दंगल कौन जीतेगा.

Advertisement
Advertisement