इस साल भारत में सैलरी में औसतन 12 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है, जो पिछले साल से थोड़ी ज्यादा है. एऑन हेविट के सालाना सैलरी इन्क्रीमेंट सर्वे के मुताबिक, बेशक भारत में 10 में से 7 कंपनियों को इस साल बिजनेस माहौल में सुधार होने की उम्मीद है, लेकिन यह उम्मीद वेतन बढ़ोतरी में नहीं झलक रही है.
सर्वे के मुताबिक, भारतीय कंपनियां 2015 में कर्मचारियों की सैलरी औसतन 10.6 फीसदी बढ़ा सकती हैं. पिछले साल वेतन में औसतन 10.4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी.
कंपनियां अपने खास कर्मचारियों या प्रतिभाओं के लिए स्पेशल पॉलिसी बना रही हैं, ताकि वे नौकरी न छोड़ें. इन लोगों को कंपनियां सैलरी हाइक के साथ लीडरशिप के मौके और विदेशी असाइनमेंट पर भेज रही हैं. हालांकि, पिछले साल यानी 2014 में भी कंपनियों में एट्रिशन रेट (नौकरी छोड़ने वालों का पर्सेंटेज) 2013 जितना यानी 18.1 फीसदी रहा, लेकिन 2014 में अहम टैलेंट एट्रिशन 5.9 फीसदी हो गया, जो 2013 में 4.5 फीसदी था.
सर्वे के मुताबिक, सैलरी बढ़ोतरी के मामले में भारत एशिया पैसिफिक देशों में सबसे ऊपर है.