केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संस्कृत भाषा को बढावा देने की वकालत करते हुए आज यहां कहा कि संस्कृत सबसे वैज्ञानिक भाषा है. दुनिया के अन्य देशों के विद्वान भी संस्कृत को सबसे अधिक वैज्ञानिक भाषा के रूप में मान्यता दे रहे हैं.
सिंह अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे के अंतिम दिन राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानों और संस्कृत भारती की तरफ से संस्कृत भाषा को घर घर तक पहुंचाने के लिए शुरू किये गये गृहं-गृहं प्रति संस्कृतम सम्पर्क अभियान के श्रीगणेश के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, 'संस्कृत भाषा के ग्रंथों में दार्शनिक सवालों के जवाब उपलब्ध है.. चाहे ललित साहित्य के बात हो, विज्ञान अथवा प्रौद्योगिकी अन्य देशों के विद्वान भी संस्कृत को सर्वाधिक उपयोगी भाषा के रूप में स्वीकार कर रहे हैं.
यह कहते हुए कि सभी भाषाओं का मूल संस्कृत है, सिंह ने कहा कि सुपर कंप्यूटर बना रहे नासा ने संस्कृत को कंप्यूटर के लिए सबसे वैज्ञानिक भाषा होने की बात कही है. उन्होंने कहा, अन्य देशों के विद्वान एक तरफ संस्कृत के प्रति आकर्षित हो रहे है. यहां तक कि अमेरिका और इंग्लैड के छात्र संस्कृत सीख रहे है. मगर विडम्बना है कि भारत उससे दूर हो रहा है.
अंग्रेजी के बट और पुट जैसे शब्दों का उदाहरण देते हुए, सिंह ने कहा कि वर्तनी और उच्चारण की दृष्टि से भी संस्कृत सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न भाषाओं के उच्चारण में क्षेत्रवार भिन्नता सुनाई पडती है, मगर ध्वनि विग्यान पर आधारित संस्कृत का उच्चारण देश और दुनिया के हर भाग में एक है.
सिंह ने वैदिक गणित की उपयोगिता का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में उत्तर प्रदेश का शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने इसे पाठयक्रम में शामिल किया था, मगर बाद में आयी सरकार ने उसे पाठ्यक्रम से निकाल दिया.
उन्होंने संस्कृत ग्रंथों में निहित ज्ञान को आधुनिक समाज की उन्नति और सफलता की सीढी बताते हुए कहा कि इस भाषा को घर घर तक पहुंचाना है और यदि इच्छाशक्ति है तो इसमें कामयाबी जरूर मिलेगी.
इनपुट: भाषा